इजराइल में चीन के राजदूत के मृत पाए जाने से मची खलबली, अमेरिका के प्रति रहते थे हमलावर
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Chinese ambassador to Israel found dead in his home

तेल अवीव, 17 मई 2020. इस्राइल की राजधानी तेल अवीव से बहुत बड़ी खबर आई है, जिसका असर इजराइल और चीन के संबंधों पर भी पड़ सकता है। इजराइल में चीन के राजदूत डु वेई को रविवार (17 मई 2020) को अपने अपार्टमेंट में मृत पाया गया।

डु वेई तेल अवीव के एक उपनगर हर्ज़लिया में रह रहे थे। वे 57 साल के थे। उनका परिवार अभी उनके साथ नहीं रह रहा था, क्योंकि चीन ने इसी साल फरवरी में उन्हें इजराइल में अपना राजदूत नियुक्त किया था। इसके फौरन बाद उन्हें दो हफ्ते के सेल्फ आइसोलेशन में जाना पड़ा था, क्योंकि यही वह समय था, जब चीन से चला कोरोना वायरस पूरी दुनिया में फैलने लगा था।

डु वेई इजराइल से पहले उक्रेन में चीन के राजदूत थे और उनका कार्यकाल सफल रहा था।

इजरायली पुलिस और मीडिया के अनुसार, डु वेई अपने बिस्तर पर मृत पाये गये, हालांकि उनकी मौत के कारण की पुष्टि होना अभी बाकी है। इजरायली पुलिस प्रवक्ता ने न्यूज एजेंसी रायटर को बताया कि “एक नियमित प्रक्रिया के हिस्से के रूप में, पुलिस इकाइयां घटनास्थल पर हैं।”

इज़राइल के चैनल 12 टीवी के अनुसार, डु वेई का निधन प्राकृतिक कारणों से उनकी नींद में हो गया।

चीन का बचाव, अमेरिका पर हमलावर

पिछले महीने इजरायली अखबार मेकोर रिशॉन के साथ एक साक्षात्कार में, डु वेई ने कहा था कि दुनिया चीन को बलि का बकरा बना रही है। उन्होंने कहा था, “इतिहास में, एक से अधिक बार, लोगों के एक निश्चित समूह पर महामारी फैलाने का आरोप लगाया गया है।”

डु वेई ने कहा था, “यह निंदनीय है और इसकी भर्त्सना की जानी चाहिए। यह बीमारी पूरी मानव जाति की दुश्मन है और दुनिया को एकजुट होकर इससे लड़ना चाहिए।”

शुक्रवार को, उनके दूतावास ने अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ पर तीखा हमला किया, जिन्होंने इज़राइल के दौरे पर चीन द्वारा कोरोना वायरस महामारी से निपटने के तौर-तरीकों की आलोचना की थी।

जेरूसलम पोस्ट में प्रकाशित एक प्रतिक्रिया में, दूतावास ने श्री पोम्पिओ की “बेतुकी टिप्पणियों” की निंदा की थी और इस आरोप से इनकार किया था कि चीन ने कभी भी इस संकट के बारे में जानकारियां छिपाने की कोशिश की थी।

गौरतलब है कि वेई की मौत अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ के इजराइल के दौरे के करीब एक हफ्ते बाद ही हुई है।

अमेरिका में हुई थी चीनी रिसर्चर की हत्या

इससे पहले, 2 मई को अमेरिका के यूनिवर्सिटी ऑफ पिट्सबर्ग में काम करने वाले एक चीनी रिसर्चर बिंग लिऊ की हत्या से भी सनसनी फैल गई थी। बिंग लिऊ के बारे में यूनिवर्सिटी का कहना था कि वे कोरोना के बारे में एक महत्वपूर्ण रिसर्च कर रहे थे और निर्णायक मोड़ पर पहुंच गए थे।

यह पूरी खबर आप यहां पढ़ सकते हैं- कोरोना के बारे में महत्वपूर्ण शोध कर रहे इस चीनी शोधकर्ता की हत्या से फैली सनसनी



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