पेट में भी कोरोना का शिकार हो सकता है बच्चा, पढ़ें क्या कह रहा शोध?
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Study suggests fetal coronavirus infection is possible

एक अध्ययन में यह बात सामने आई है कि कोरोनावायरस (Coronavirus) से संक्रमित किसी गर्भवती महिला से यह संक्रमण उसके गर्भस्थ भ्रूण में भी पहुंच सकता है।

अमेरिका के टेक्सास में एक बच्ची को जन्म लेने के बाद कोरोना पॉजिटिव पाया गया। उसकी मां पहले से कोरोना पॉजिटिव थी। जन्म के बाद बच्ची को बुखार भी हो गया था और सांस लेने में तकलीफ भी हो रही थी, इसके बाद उसे आईसीयू में भर्ती कराया गया। वहीं उसकी जांच हुई, तो वह कोरोना पॉजिटिव निकली। इसके बाद उसकी मां के गर्भनाल की जांच की गई तो वहां भी कोरोना वायरस की मौजूदगी का पता चला।

हालांकि मां और बेटी दोनों 21 दिन के उपचार के बाद ठीक हो गई थी और उन्हें घर भेज दिया गया था। डॉक्टरों के मुताबिक, यह केस साबित करता है कि गर्भस्थ बच्ची को भी कोरोना हो सकता है।

इटली में भी मिले थे सबूत

इटली के शोधकर्ताओं ने बताया है कि बीते मार्च और अप्रैल में शिशु को जन्म देने वाली उन 31 महिलाओं का उन्होंने अध्ययन किया, जो कि COVID-19 का शिकार थीं। उन्हें गर्भनाल के रक्त, प्लेसेंटा और मां के दूध में भी वायरस के नमूने मिले।

घबराने की जरूरत नहीं

मिलान विश्वविद्यालय में प्रतिरक्षाविज्ञानी विशेषज्ञ और शोध के प्रमुख ने बताया कि महिलाओं को घबराने की जरूरत नहीं है। इसका मतलब यह बिल्कुल भी नहीं है कि वहां वायरस हो ही। इसके लिए दिशा-निर्देश बनाना या फिर देखभाल के तरीकों में बदलाव करना बड़ी जल्दबाजी होगी।

Dr Fenizia ने कहा कि अभी और उन महिलाओं के अध्ययन की जरूरत है, जो इन महिलाओं से भी पहले अपनी गर्भावस्था में कोविड-19 के संक्रमण का शिकार हो गई थीं।

जब से कोरोनावायरस महामारी की शुरुआत हुई है, डाॅक्टर यह पता लगाने की कोशिशों में जुटे हुए हैं कि गर्भ में कोरोनावायरस का संक्रमण हो सकता है या नहीं। HIV, जिंका और कई अन्य वायरस इस तरह से भ्रूण को संक्रमित कर सकते हैं। वैसे तो चीन से भी आई कई रिपोर्ट्स में इस ओर इशारा किया गया था, मगर डाॅक्टरों को संदेह है कि इन महिलाओं के बच्चों में कोरोनावायरस शिशु को जन्म देने के दौरान या बाद में पहुंचा होगा।

तीन अस्पतालों में अध्ययन

उत्तरी इटली में जब कोरोनावायरस अपने चरम पर था, तब तीन अस्पतालों में महिलाओं का अध्ययन किया गया। तब एक गर्भनाल के रक्त नमूनों, दो योनि स्वैब और मां के दूध के एक नमूने में वायरस की आनुवंशिक सामग्री यानी कि जेनेटिक मैटेरियल मिला था। गर्भनाल के रक्त और दूध में शोधकर्ताओं को विशिष्ट एंटी-कोरोनावायरस एंटीबाॅडीज भी मिले।

मिले थे एंटीबॉडीज

फेनिजिया ने बताया कि उनके पास इस बात का पुख्ता सबूत है कि एक बच्चे का जन्म COVID-19 पाॅजीटिव के रूप में हुआ था, क्योंकि उन्हें गर्भनाल ब्लड और प्लेसेंटा में वायरस मिले थे। वहीं, एक और नमूने में उन्हें नवजात में कोरोनावायरस के प्रति एंटीबाॅडीज मिले, जो बच्चे में मां से नहीं, बल्कि वायरस के सीधे संपर्क में आने की वजह से आया था।

उन्होंने कहा कि किसी भी परिस्थिति में बच्चों का संक्रमित होना बहुत ही दुर्लभ है। जन्म के समय केवल दो नवजात ही कोरोनावायरस से संक्रमित पाये गये और इनमें से कोई भी बीमार नहीं पड़ा।

गंभीर समस्या नहीं

NYU Langone Health में गर्भावस्था विशेषज्ञ Dr Ashley Roman ने बताया कि पेट में ही बच्चे को कोरोनावायरस का संक्रमण होने की कुछ रिपोर्ट्स तो सामने आई हैं, लेकिन यह बहुत ही दुर्लभ है। इसकी वजह से नवजातों में कोई गंभीर समस्या नहीं पैदा हो रही है।

गर्भवती महिलाओं और मांओं के लिए सावधानियां

  • Dr Ashley Roman ने कहा कि गर्भवती महिलाओं को यह समझना जरूरी है कि उनके लिए सोशल डिस्टेंस बनाकर रखना कितना जरूरी है। साथ ही मास्क पहनना और बार-बार अपने हाथों को धोना भी उनके लिए कितना महत्वपूर्ण है।
  • Dr Ashley Roman के मुताबिक लोगों से पूरी तरीके से खुद को अलग कर लेना महिलाओं के लिए जरूरी नहीं, लेकिन कम-से-कम उनका यह समझना जरूरी है कि प्रेगनेंसी के दौरान COVID-19 का प्रभाव किस तरीके से उनकी सेहत पर पड़ सकता है।
  • UNICEF की ओर से भी माताओं को सलाह दी गई है कि यदि वे कोविड-19 की शिकार हो गई हैं तो अपने बच्चों को दूध पिलाने के दौरान वे मास्क जरूर पहनें।

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