कोरोना के कारण घर में रख रहे हैं किसी का ख्याल, तो ज़रूर बरतें ये सावधानियां
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कोरोना क्विक अपडेट

  • स्वास्थ्य मंत्रालय के 15 मई 2021 के आंकड़ों के मुताबिक, भारत में अभी कोरोना के 3673802 एक्टिव केस हैं, 20432898 लोग ठीक हो चुके हैं और 266207 की मृत्यु हो चुकी है।
  • वेबसाइट वर्ल्डमीटर्स.इनफो के मुताबिक, भारत कोरोना से मृत्यु के मामले में अमेरिका और ब्राजील के बाद तीसरे स्थान पर है।
  • विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों के मुताबिक, कोरोना से पूरी दुनिया में अब तक 16,15,13,458 लोग संक्रमित हुए हैं और 33,52,109 लोग दम तोड़ चुके हैं।
  • कोरोना के बारे में अफवाहों से बचने और पल-पल की सही जानकारी व ख़बरें प्राप्त करने के लिए जुड़े रहें https://tanman.org/ के साथ।

What to do when Caring for someone at home while corona outbreak

अधिकतर लोग जो COVID-19 का शिकार होते हैं और जिनमें इसका हल्का संक्रमण होता है, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और सेंटर फाॅर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंटेशन (CDC) के मुताबिक वे घर पर ही बिना उपचार के ठीक भी हो जाते हैं, यदि ठीक तरीके से वे अपना ध्यान रखें तो।

हालांकि, जो लोग 50 से अधिक उम्र के हैं और जिन्हें दिल की बीमारी है, डायबिटीज की शिकायत है, फेफड़ों से संबंधित समस्या है या कोई भी गंभीर बीमारी है, उन्हें तो इलाज के लिए जाना ही चाहिए।

यदि आप घर में इस दौरान किसी बीमार व्यक्ति की देखभाल कर रहे हैं तो आपको मरीज की, अपनी व घर के अन्य सदस्यों की सुरक्षा के लिए कई बातों का ध्यान रखने की जरूरत है, जिसके बारे में यहां हम आपको WHO व CDC के अनुसार बता रहे हैं।

मरीज के बिगड़ते लक्षणों पर नजर रखें और इमरजेंसी चेतावनी वाले इशारों को समझें (Monitor the person for worsening symptoms. Know the emergency warning signs)

  • मरीज जिस डाॅक्टर से अपना इलाज कराता है, उससे संपर्क करने का नंबर अपने पास रखें।
  • यदि मरीज की हालत बिगड़ रही है तो डाॅक्टर से संपर्क करें। जरूरत पड़े तो आपके स्थानीय इलाके में कोविड-19 के लिए दिये गये हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क करें।

मेडिकल सुविधा कब लें? (When to Seek Medical Attention)

  • जब मरीज को सांस लेने में तकलीफ नजर आने लगे।
  • दिल में लगातार दर्द होने लगे और दबाव भी बढ़ता जाए।
  • मरीज को चीजें समझने में परेशानी होने लगे।
  • मरीज को उठने-बैठने में दिक्कत हो।
  • मरीज के होठ और चेहरे पर पीलापन दिखने लगे।
  • बुखार आ जाए या कोविड-19 के अन्य गंभीर लक्षण उभर आएं

मरीज की देखभाल करते वक्त बैक्टीरिया या वायरस को फैलने से रोकें (Prevent the spread of germs when caring for someone who is sick)

  • जिस कमरे में मरीज रह रहा है, उस कमरे से खुद को और घर के बाकी लोगों को भी अलग रखें।
  • संभव हो तो घर के बाकी लोगों को अलग बाथरूम का प्रयोग करने के लिए कहें।
  • मरीज की व्यक्गित चीजों, जैसे कि उनके बर्तन, तौलिया या चादर आदि को घर में किसी और को इस्तेमाल न करने दें।
  • मरीज को नाक और मुंह को ढंकने के लिए मास्क या कोई कपड़ा मुंह पर लपेटने के लिए दें।
  • यदि आप मरीज के साथ उसके कमरे में हैं तो आपको भी अपने चेहरे पर मास्क या साफ कपड़ा बांध लेना चाहिए, ताकि आपकी नाक और मुंह ढक जाए।
  • मरीज घर में घूमे, वाहन में जा रहा हो, या फिर डाॅक्टर के पास हो, तो मरीज के चेहरे पर नाक और मुंह को ढंकते हुए मास्क या मोटा कपड़ा बंधा होना चाहिए।
  • साबुन या हैंड वाश से बार-बार अपने हाथों को धोते रहें 20 सेकेंड तक।
  • हैंड सैनिटाइजर इस्तेमाल में लाएं, जिसमें 60 फीसदी तक अल्कोहल हो। ध्यान रखें कि हाथों के सभी हिस्से पर तब तक इसे अच्छी तरह से रगड़ें, जब तक कि यह सूख न जाए।
  • अपनी आंख, नाक और मुंह को छूने से बचें।
  • हर उस सतह को रोजाना साफ करें और कीटाणुरहित करें, जिन्हें आप छू रहे हों या मरीज छूता हो। क्लीनिंग स्प्रे का इस्तेमाल इसके लिए किया जा सकता है।
  • कपड़ों को नियमित तौर पर साफ करें। इस दौरान ग्लव्स का इस्तेमाल भी किया जा सकता है। ग्लव्स हटाने के बाद भी हाथों को बहुत अच्छी तरह से धो लेना चाहिए।
  • घर में बिना काम के किसी बाहरी व्यक्ति को न आने दें।
  • मरीज के स्वास्थ्य को लेकर और कोई भी शंका होने पर तुरंत उसके डाॅक्टर से या फिर स्थानीय स्वास्थ्य विभाग से संपर्क करें।

लक्षण के आधार पर उपचार उपलब्ध कराएं (Provide symptom treatment)

  • ध्यान रखें कि मरीज अधिक मात्रा में पानी पीता रहे और जूस आदि लेता रहे, ताकि उसके शरीर में पानी की कमी न हो।
  • मरीज को खूब आराम करना चाहिए।
  • सामान्य दवाएं, जिनका साइड इफैक्ट न हो, वे काम आ सकती हैं।
  • कई लोगों में कुछ दिनों तक ही लक्षण रहते हैं और फिर खत्म हो जाते हैं।

होम आइसोलेशन खत्म करना हो तो? (When to end home isolation)

  • देख लें कि मरीज को पिछले 72 घंटे से लगातार बुखार न आया हो।
  • सुनिश्चित करें कि मरीज की खांसी दूर हो गई है और सांस लेने में भी उसे तकलीफ नहीं हो रही है।
  • लक्षण अंतिम बार मरीज में दिखे कम-से-कम सात दिनों का वक्त बीत चुका हो।
  • बिना दवाई लिए मरीज को बुखार न आ रहा हो।
  • 24 घंटे के अंतर पर लगातार दो रिपोर्ट मरीज की निगेटिव आ जाए।

डिस्क्लेमर (अस्वीकरण) : इस वेबसाइट पर स्वास्थ्य से संबंधित सभी सामग्रियां केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए प्रकाशित की गई हैं और ये पेशेवर चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं हैं। इसलिए अपने स्वास्थ्य या किसी मेडिकल कंडीशन के बारे में यदि आपके मन में कोई सवाल हैं, तो हमेशा किसी योग्य चिकित्सक या अन्य योग्य स्वास्थ्य पेशेवर का मार्गदर्शन लें। यदि आपको लगता है कि आपको कोई मेडिकल इमरजेंसी हो सकती है, तो तुरंत अपने डॉक्टर अथवा आपातकालीन सेवाओं को कॉल करें, या फिर अपने नजदीकी अस्पताल के आपातकालीन विभाग में जाएं। कृपया यह भी ध्यान रखें कि विज्ञापनों में अथवा बाहरी लिंक के सहारे इस वेबसाइट से बाहर ले जाने अन्य वेबसाइटों पर किए गए दावों के लिए तनमन.ओआरजी की टीम ज़िम्मेदार नहीं है।



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