चिंता की बात: कोरोना से जंग जीतने के तीन माह के भीतर फिर से मंडराने लगता है संक्रमण का खतरा
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Antibodies and immunity may disappear within months after Corona virus recovery

अभी तक यह माना जा रहा था कि कोरोना वायरस के संक्रमण से होने वाली बीमारी कोविड-19 (COVID-19) से जो मरीज उबर चुके हैं, उनके शरीर में इस बीमारी के प्रति एंटीबाॅडी पैदा हो जा रहा है, जिसकी वजह से दोबारा वे इस खतरनाक वायरस की चपेट में नहीं जा सकते। लेकिन अब वैज्ञानिकों की ओर से एक ऐसी जानकारी दी गई है, जिसने चिंता बढ़ा दी है। ठीक हो चुके कोरोना मरीजों को लेकर वैज्ञानिकों ने यह खुलासा किया है।

क्या बताया गया है Medrxiv में?

  • वैज्ञानिकों ने बताया है कि जो लोग कोरोना वायरस के संक्रमण से मुक्त हो जा रहे हैं, कुछ महीने बीतते-बीतते उनकी इम्युनिटी खुद कमजोर हो जा रही है। इस शोध का प्रकाशन Medrxiv में हुआ है, जो कि ब्रिटेन में प्रकाशित होने वाली एक पत्रिका है।
  • वैज्ञानिकों ने अपने शोध में पाया है कि जो लोग कोरोना वायरस के संक्रमण से मुक्त हो चुके हैं, वे दोबारा इसकी चपेट में आ सकते हैं।
  • वैज्ञानिकों ने कहा है कि कुछ समय के बाद ठीक हो चुके मरीजों की रोग प्रतिरोधक क्षमता घट जाती है।
  • यही नहीं, उनके शरीर में जो एंटीबाॅडी कोरोना वायरस के खिलाफ बने थे, वे भी धीरे-धीरे समाप्त हो जाते हैं।

क्या कहती हैं किंग काॅलेज की Dr Katie Doores?

  • इस शोध से जुड़ी लंदन के किंग काॅलेज की Dr Katie Doores ने बताया है कि कोरोना के खिलाफ जो एंटीबाॅडी ठीक हो जाने वाले मरीजों के शरीर में बनते हैं, वे ज्यादा-से-ज्यादा तीन महीने तक ही रहते हैं।
  • इसके बाद उनका अस्तित्व समाप्त हो जाता है।
  • ऐसे में इन ठीक हो चुके मरीजों पर भी दोबारा कोरोना वायरस की चपेट में आने का खतरा मंडराने लगता है।

जर्मनी और चीन में भी

  • जर्मनी के Schwabing Hospital में इसे लेकर किये गये एक शोध में ऐसी ही जानकारी सामने आई है।
  • हाॅस्पिटल के मुख्य फिजिशियन Clemens Wendtner ने बताया कि जनवरी, 2020 के अंत में जिन मरीजों का इलाज किया गया, उनकी इम्युनिटी दो से तीन महीने में घट गई।
  • चीन में भी कुछ अध्ययनों में यह पाया गया है कि एंटीबाॅडी मरीजों के खून में नहीं रहते।

सावधानी ही सबसे बेहतरीन बचाव

इसका मतलब यह हुआ कि हर जरूरी सावधानी अपनाकर इस वायरस के संक्रमण से बचे रहना बेहद जरूरी है। इस वायरस के बारे में अभी भी सब कुछ ज्ञात नहीं है। ऐसे में हर रोज़ इसके बारे में नई नई जानकारियां सामने आ रही हैं। इसलिए यह बेहद जरूरी है कि जब तक इसकी कोई कारगर वैक्सीन या दवा सामने नहीं आ जाती, तब तक इसे बिल्कुल भी हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए।

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