जानिए सेल्फ आइसोलेशन में क्या करना होता है और कोरोना वायरस से बचाव में इसका क्या है महत्व?
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What is self-isolation and what is its importance in protection against corona virus?

कोरोना वायरस के खौफ के बीच एक शब्द पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा चर्चा में है और वह शब्द है- आइसोलेशन।

जैसा कि आप जानते हैं कि कोरोना वायरस से संक्रमित होने के संदिग्ध लोगों या कोरोना की जांच में पॉजिटिव पाए गए सभी मरीजों को आइसोलेशन में रखा जा रहा है। इसकी वजह यह है कि कोरोना एक तेजी से फैलने वाला वायरस है और इससे संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में जो भी आता है, उसके भी संक्रमित होने का खतरा काफी बढ़ जाता है। इसीलिए ऐसे सभी व्यक्तियों को सभी जरूरी चिकित्सा सुविधाएं और अन्य बुनियादी सुविधाएं आइसोलेशन में ही प्रदान की जाती हैं।

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा है कि कोरोना को फैलने से रोकने के लिए अधिक से अधिक लोगों को सेल्फ आइसोलेशन में रखा जाना चाहिए। इसका मतलब यह हुआ कि अगर किसी को जरा भी संदेह हो कि उसे इस वायरस का संक्रमण हो सकता है, तो उसे इस वायरस को फैलने से रोकने के लिए सेल्फ आइसोलेशन में चले जाना चाहिए।

सेल्फ आइसोलेशन में किसे जाना चाहिए?

कोरोना वायरस से लड़ाई में ब्रिटेन ने जो मॉडल अपनाया है, उसके मुताबिक

  • फ्लू, जिसमें कि 37.8 डिग्री सेल्सियस से अधिक बुखार और कफ होता है, जैसे लक्षणों वाले सभी व्यक्तियों को कम से कम सात दिनों के लिए घर पर ही सेल्फ आइसोलेशन में रहने के लिए कहा जाएगा।
  • ऐसे सभी लोग, जो कोरोना वायरस से प्रभावित इलाके से होकर आए हैं या जिनका संपर्क इस वायरस से प्रभावित किसी व्यक्ति से हुआ है, उन्हें 14 दिन के सेल्फ आइसोलेशन में जाने को कहा गया है।
  • ऐसे सभी लोग, जो कोरोना वायरस की गिरफ्त में आए किसी व्यक्ति के साथ दो मीटर यानी करीब छह फीट की दूरी के भीतर 15 मिनट बिता चुके हैं या फेस-टू-फेस कॉन्टैक्ट कर चुके हैं, उन्हें गंभीर जोखिम के अधीन माना जा रहा है और सेल्फ आइसोलेशन में जाने को कहा जा रहा है।
  • कोरोना वायरस से जनित बीमारी की वजह से बुखार, कफ या सांस लेने में दिक्कतें आ सकती हैं, लेकिन इसके लक्षण ठीक से दिखाई देने में औसतन पांच दिन का वक्त लग सकता है। इसीलिए शुरुआती हल्के लक्षणों वाले रोगियों को भी घरों पर ही सेल्फ आइसोलेशन में रहने के लिए कहा जा रहा है।

सेल्फ आइसोलेशन क्या है और इस दौरान क्या करना होता है?

  • सेल्फ आइसोलेशन के दौरान व्यक्ति स्वयं को बाकी दुनिया से अलग-थलग कर लेता है।
  • सेल्फ आइसोलेशन के दौरान घर पर ही रहना होता है और स्कूल, दफ्तर या अन्य किसी सार्वजनिक स्थान पर नहीं जाना चाहिए।
  • सेल्फ आइसोलेशन के दौरान सार्वजनिक यातायत के साधन, जैसे बस, रेलगाड़ी आदि समेत कैब या टैक्सी आदि के इस्तेमाल से भी बचना चाहिए।
  • सेल्फ आइसोलेशन के दौरान हवादार कमरे में रहना चाहिए, जिसमें एक खिड़की अवश्य हो।
  • सेल्फ आइसोलेशन के दौरान अलग बाथरूम का इस्तेमाल करना ज़रूरी है।
  • सेल्फ आइसोलेशन में रह रहे लोगों को अपने कमरे में दूसरे लोगों को नहीं आने देना चाहिए।
  • सेल्फ आइसोलेशन में रह रहे लोगों को अगर किराने के सामान, खाने-पीने की चीज़ों या दवाओं की जरूरत है, तो दोस्तों, परिवारजनों या डिलीवरी बॉय की मदद ली जा सकती है। वे मंगाए गए सामान को घर के दरवाजे तक छोड़ सकते हैं और इससे कोई दिक्कत नहीं होती।

अगर आप परिवार में हैं और घर छोटा है तो सेल्फ आइसोलेशन कैसे करें?

  • सेल्फ आइसोलेशन में रह रहे व्यक्ति के लिए यदि ख़ुद को परिवार के अन्य सदस्यों से पूरी तरह से अलग कर पाना संभव नहीं हो, तो कम से कम इतना अवश्य सुनिश्चित करना चाहिए कि वह उनके क्लोज कॉन्टैक्ट में नहीं आएं और कम से कम दो मीटर यानी छह फीट की दूरी अवश्य रखें।
  • यदि घर में एक ही किचन हो तो सेल्फ आइसोलेशन में रह रहे व्यक्ति को उस वक्त किचन में नहीं जाना चाहिए, जब वहां कोई अन्य व्यक्ति मौजूद हो।
  • सेल्फ आइसोलेशन में रह रहे व्यक्ति को अपना खाना अपने कमरे में लाकर खाना चाहिए।
  • सेल्फ आइसोलेशन में रह रहे व्यक्ति को अलग कमरे में सोना चाहिए।
  • सेल्फ आइसोलेशन में रह रहे व्यक्ति को घर के फर्श को प्रतिदिन अच्छे क्लीनिंग प्रोडक्ट के इस्तेमाल से साफ करना चाहिए।
  • सेल्फ आइसोलेशन में रह रहे व्यक्ति के साथ रहने वाले लोगों को अपने हाथ साबुन और पानी से (कम से कम 20 सेकेंड तक) बार-बार साफ करने चाहिए। खास तौर पर तब तो तुरंत धो लेना चाहिए, जब वे उनके संपर्क में आए हों।
  • सेल्फ आइसोलेशन में रह रहे व्यक्ति के तौलिये, प्रसाधन और अन्य सामान इस्तेमाल न करें।
  • सेल्फ आइसोलेशन में रह रहे व्यक्ति के लिए अलग बाथरूम होना चाहिए।
  • अगर अलग बाथरूम संभव नहीं हो तो सेल्फ आइसोलेशन में रह रहे व्यक्ति को सबसे अंत में बाथरूम इस्तेमाल करना चाहिए और अगर वे सक्षम हैं तो इस्तेमाल करने के बाद उन्हें बाथरूम को अच्छी तरह से साफ कर देना चाहिए।
  • सेल्फ आइसोलेशन में रहने वाले व्यक्ति के संपर्क वाले कचरे को अच्छी तरह से पैक करके रखा जाना चाहिए।
  • अगर सेल्फ आइसोलेशन में रह रहा व्यक्ति कोरोना वायरस की जांच में पॉजिटिव पाया जाता है तो उस कचरे को स्वास्थ्य अधिकारी के बताए अनुसार ही डिस्पोज करें।

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