
Know what the Chinese President said in the WHO World Health Assembly
18 मई 2020. चीन से चला कोरोना पूरी दुनिया में फैल चुका है। 45 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हैं और 3 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। अमेरिका सहित दुनिया के अनेक देश चीन को संदेह भरी निगाहों से देख रहे हैं। ऐसे में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) अपना दामन बेदाग दिखाने की कोशिशों में जुट गए हैं।
सोमवार को विश्व स्वास्थ्य संगठन की सालाना विश्व स्वास्थ्य सभा (World Health Assembly) को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित करते हुए जिनपिंग ने कहा कि कोरोना वायरस का पता चलने के बाद चीन ने पूरी पारदर्शिता और जिम्मेदारी के साथ काम किया और इसने डब्ल्यूएचओ और संबंधित देशों को बिल्कुल समय से जानकारी दी।
जांच के लिए तैयार होने का दावा
जिनपिंग ने कहा कि उनका देश इस मामले की जांच के लिए तैयार है, बशर्ते कि यह जांच स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से कराई जाए। दरअसल चीन को कई तरह के सवालों और जांच का सामना करना पड़ रहा है। खासकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनकी टीम के द्वारा।
अमेरिका स्पष्ट शब्दों में कह चुका है कि उसके पास ऐसे सबूत हैं कि कोरोना वायरस चीन के वुहान स्थित लैब से ही निकला है। साथ ही जान बूझकर उसने कोरोना वायरस से जुड़ी जानकारियां छिपाईं, जिससे दुनिया भर में यह फैल गया।
व्हाइट हाउस के व्यापार सलाहकार पीटर नवारो ने तो एक टेलीविज़न कार्यक्रम में यहां तक कह दिया कि “चीन ने विमानों में भरकर अपने लाखों लोग मिलान, न्यू यॉर्क और दुनिया के अन्य शहरों में कोरोना वायरस फैलाने के लिए भेजे।”
चीन अब दुनिया को दिखा रहा वैक्सीन का सपना
जिनपिंग ने विश्व स्वास्थ्य संगठन से कहा कि कोरोना वायरस की वैक्सीन उपलब्ध होने के बाद चीन दुनिया भर में इसे उपलब्ध कराएगा। जिनपिंग ने कहा, चीन में कोविड-19 की वैक्सीन उपलब्ध होने के बाद हम सुनिश्चित करेंगे कि यह विकासशील देशों की पहुंच और सामर्थ्य में हो।
पूरी दुनिया में इस वक्त दर्जनों वैक्सीन परियोजनाएं चल रही हैं। चीन में भी पहले ही पांच ऐसी परियोजनाओं का ह्यूमन ट्रायल चल रहा है। अगले महीने कुछ और वैक्सीन परियोजनाओं को मानव ट्रायल की मंजूरी मिल जाएगी।
दरअसल, डब्ल्यूएचओ एक प्रस्ताव पर जोर दे रहा है, जिसका उद्देश्य वैक्सीन बनाने वालों को उचित इनाम देते हुए उपचार और वैक्सीन की व्यापक पहुंच सुनिश्चित करना है।
दुनिया को पैसों का लालच भी दिखा रहा चीन
चीन ने महामारी के खिलाफ लड़ाई में सहयोग करने के लिए अगले दो वर्षों में 2 बिलियन डॉलर (करीब 14 हज़ार करोड़ रुपये) देने का भी वादा किया। यह सहायता खासकर विकासशील देशों को दी जाएगी।
विश्व स्वास्थ्य संगठन की दो दिन चलने वाली वर्ल्ड हेल्थ असेंबली सोमवार को शुरू हुई। भारत की तरफ से इसे केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन संबोधित करेंगे।
अस्वीकरण (Disclaimer):
इस वेबसाइट पर प्रकाशित स्वास्थ्य संबंधी जानकारियां केवल सूचनात्मक उद्देश्य के लिए हैं और ये पेशेवर चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं हैं। यदि आप किसी स्वास्थ्य समस्या से जूझ रहे हैं या ऐसी किसी समस्या का आपको संदेह है, तो अपने पारिवारिक चिकित्सक या अन्य उपयुक्त चिकित्सक से परामर्श करें। यदि आप किसी हेल्थ इमरजेंसी का सामना कर रहे हैं या इसका आपको संदेह है, तो कृपया अपने नजदीकी अस्पताल के आपातकालीन विभाग में जाएं।
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