तो क्या ऑस्ट्रेलियाई वैज्ञानिकों ने ढूंढ़ निकाला कोरोना वायरस का इलाज?
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कोरोना क्विक अपडेट

  • स्वास्थ्य मंत्रालय के 15 मई 2021 के आंकड़ों के मुताबिक, भारत में अभी कोरोना के 3673802 एक्टिव केस हैं, 20432898 लोग ठीक हो चुके हैं और 266207 की मृत्यु हो चुकी है।
  • वेबसाइट वर्ल्डमीटर्स.इनफो के मुताबिक, भारत कोरोना से मृत्यु के मामले में अमेरिका और ब्राजील के बाद तीसरे स्थान पर है।
  • विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों के मुताबिक, कोरोना से पूरी दुनिया में अब तक 16,15,13,458 लोग संक्रमित हुए हैं और 33,52,109 लोग दम तोड़ चुके हैं।
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Australian scientists claim two existing drugs could treat Corona virus disease

ऑस्ट्रेलिया के यूनिवर्सिटी ऑफ क्वींसलैंड (University of Queensland) के सेंटर फॉर क्लीनिकल रिसर्च (Centre for Clinical Research) के वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि दो मौजूदा दवाओं की बदौलत इस बीमारी का इलाज संभव है।

ऑस्ट्रेलियाई वैज्ञानिकों के मुताबिक, क्लोरोक्वीन (Chloroquine) और लोपिनवीर (Lopinavir) नामक दवाओं का उपयोग वर्तमान में क्रमशः मलेरिया (malaria) और एचआईवी (HIV) के इलाज के लिए किया जा रहा है, मगर कोरोनो वायरस वाले मरीजों के इलाज के लिए भी इसका इस्तेमाल किया जाना संभव है।

नहीं बचेगा वायरस

शोध का नेतृत्व करने वाले प्रोफेसर डेविड पैटर्सन (Professor David Paterson) के अनुसार दवाओं को पहले ही टेस्ट ट्यूब में वायरस का सफाया करते हुए दिखाया गया है। उन्होंने बताया है कि यह एक संभावित प्रभावी उपचार है। इलाज पूरा हो जाने पर अंत में मरीजों के शरीर में कोई भी कोरोनवायरस नहीं बचा रह जायेगा।

क्लीनिकल स्टडी से उम्मीद

शोधकर्ताओं को अब पूरे ऑस्ट्रेलिया में मरीजों पर दवाओं के प्रभावों का परीक्षण करने के लिए एक क्लीनिकल स्टडी (clinical study) की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि हम इस समय जो करना चाहते हैं वह है ऑस्ट्रेलिया भर में एक बड़ा क्लिनिकल परीक्षण करना। हम ऐसे 50 अस्पताल देख रहे हैं और हम एक दवा से दूसरी दवा की और दो दवाओं के संयोजन की तुलना करने जा रहे हैं।

इस माह के अंत तक शुरू होगा नामांकन

प्रोफेसर पैटर्सन के अनुसार इस महीने के अंत तक क्लीनिकल स्टडी के लिए मरीजों का नामांकन शुरू किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि यदि हम मरीजों की इस पहली लहर में इसका परीक्षण कर सकते हैं तो हमें पूरी तरह से उम्मीद है कि आने वाले महीनों में संक्रमण के जो और मामले सामने आयेंगे, उसमें मरीजों के इलाज के लिए हमारे पास सर्वश्रेष्ठ जानकारी उपलब्ध होगी।

कारगर दिख रही एचआईवी की दवा

कोरोनो वायरस से संक्रमित चीनी मरीजों (chienese patients) को पहले ही एचआईवी की दवा दी जा चुकी है और शुरुआत में यह काफी असरदार भी नजर आ रही है। प्रोफेसर पैटर्सन ने कहा कि हमारे डॉक्टर बहुत ही हैरान थे कि एक एचआईवी दवा वास्तव में इस भयानक कोरोना वायरस के खिलाफ काम कर सकती थी। वैसे, इसमें थोड़ा संदेह भी था। हमारे यहां ऑस्ट्रेलिया में चीनी मरीजों की जो पहली लहर आई, इसमें सभी मरीजों का इलाज एचआईवी की दवा से किया गया है और सभी में बेहतर परिणाम देखने को मिल रहे हैं।

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