सावधान… अंडरवेट होने से अधिक खतरनाक है ओवरवेट होना
कृपया शेयर करें ताकि अधिक लोग लाभ उठा सकें

Being overweight is more dangerous than being underweight

मोटापा आज समूची दुनिया के लोगों में एक बड़ी समस्या बन गया है। इसकी वजह से मेटाबोलिक सिंड्रोम, टाइप-2 डायबिटीज और हृदय-संबंधी परेशानियां बढ़ रही हैं।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organisation) के मुताबिक मोटापे के बारे में कुछ अहम तथ्य

  • मोटापे की समस्या में 1975 के बाद से अप्रत्याशित वृद्धि हुई है और 1975 से अब तक पूरी दुनिया में यह समस्या तीन गुणी ज्यादा बढ़ गई है।
  • साल 2016 में समूची दुनिया में 18 वर्ष या इससे अधिक उम्र के 1.9 अरब से अधिक वयस्क ओवरवेट थे, जिनमें 65 करोड़ से अधिक लोग मोटापे की समस्या से ग्रस्त थे।
  • इस तरह देखा जाए तो वर्ष 2016 में समूची दुनिया में 18 वर्ष या इससे अधिक आयु के 39% वयस्क ओवरवेट थे, जिनमें 13% मोटापे की समस्या से ग्रस्त थे।
  • आपको यह जानकर हैरानी होगी कि दुनिया भर में अधिक वजन और मोटापे की समस्या के कारण कम वजन होने की समस्या की तुलना में अधिक लोगों की मृत्यु होती है।
  • मोटापे की यह समस्या आज बच्चों में भी चिंताजनक रूप लेती जा रही है। वर्ष 2018 में 5 साल से कम उम्र के 4 करोड़ बच्चे ओवरवेट या अधिक मोटे थे।
  • इसी तरह, 5-19 आयु वर्ग के 34 करोड़ बच्चे और किशोर 2016 में अधिक वजन या मोटापे से ग्रस्त थे।

फालतू फैट से पैदा होती है सूजन

मोटापे की समस्या शरीर में फालतू चर्बी के एकत्रित होने के कारण होती है, जिससे सूजन पैदा होती है और अंगों के सामान्य कामकाज में बाधा पहुंचती है। इसके कारण ब्लड शुगर लेवल का रेगुलेशन कम होने लगता है।

मॉन्ट्रियल विश्वविद्यालय के शोधकर्ता डॉक्टर पेमिस्ला सेपिहा ने साइंस इम्यूनोलॉजी नाम के जर्नल में प्रकाशित अपने एक रिसर्च में कहा है कि वजन बढ़ने के दौरान होने वाली हर सूजन नुकसानदेह नहीं होती। वास्तविकता यह है कि श्वेत रक्त कोशिकाओं की सूजन, जिसे न्यूरोपिलिन 1-पॉजिटिव मैक्रोफेज कहा जाता है, स्वास्थ्यवर्द्धक वजन-वृद्धि की प्रक्रिया के लिए वसा-ऊतकों को तैयार करती है।

हर बार बुरा नहीं होता फैट एकत्र होना

शरीर की वसा अरबों कोशिकाओं से बनी होती है जिन्हें एडिपोसाइट्स कहा जाता है जो ऊर्जा का भंडारण करती हैं। हम जितनी कैलोरी ग्रहण करते हैं, उसके हिसाब से एडिपोज टिश्यू फैलते या सिकुड़ते हैं। फैट टिश्यू स्वस्थ तरीके से फैल सकें, इसके लिए ज़रूरी है कि वे पहले इसकी तैयारी करें, ठीक उसी तरह जैसे किसी बगीचे में पौधे लगाने से पहले क्यारी तैयार करनी पड़ती है।

डॉक्टर सैपिहा की टीम ने पाया कि न्यूरोपिलिन 1-पॉजिटिव मैक्रोफेज प्रतिरक्षा कोशिकाएं वसा ऊतक में जमा होती हैं और स्वस्थ वजन बढ़ाती हैं। ये कोशिकाएं शरीर से अतिरिक्त वसा को हटाने में महत्वपूर्ण होती हैं और शरीर के बुनियादी ढांचे के निर्माण में भी मदद करती हैं, ताकि आम तौर पर मोटापे से जुड़ी जटिलताओं के बिना नए वसा भंडार को समायोजित किया जा सके।

संक्षेप में, यह अध्ययन दर्शाता है कि स्वस्थ वजन सुनिश्चित करने के लिए प्रतिरक्षा कोशिकाओं का सबसेट महत्वपूर्ण है। मोटापे से पैदा होने वाली जटिलताओं को समझने में मदद करने के लिए इस अध्ययन के निष्कर्ष काफी महत्वपूर्ण हैं।

डिस्क्लेमर (अस्वीकरण) : इस वेबसाइट पर स्वास्थ्य से संबंधित सभी सामग्रियां केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए प्रकाशित की गई हैं और ये पेशेवर चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं हैं। इसलिए अपने स्वास्थ्य या किसी मेडिकल कंडीशन के बारे में यदि आपके मन में कोई सवाल हैं, तो हमेशा किसी योग्य चिकित्सक या अन्य योग्य स्वास्थ्य पेशेवर का मार्गदर्शन लें। यदि आपको लगता है कि आपको कोई मेडिकल इमरजेंसी हो सकती है, तो तुरंत अपने डॉक्टर अथवा आपातकालीन सेवाओं को कॉल करें, या फिर अपने नजदीकी अस्पताल के आपातकालीन विभाग में जाएं। कृपया यह भी ध्यान रखें कि विज्ञापनों में अथवा बाहरी लिंक के सहारे इस वेबसाइट से बाहर ले जाने अन्य वेबसाइटों पर किए गए दावों के लिए तनमन.ओआरजी की टीम ज़िम्मेदार नहीं है।

error: Content is protected !!