WHO ने जगाई उम्मीद, कोरोना वायरस से लड़ने में कारगर हो सकती हैं डायबिटीज और हाइपरटेंशन की दवाएं
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Diabetes and hypertension drugs may be effective against corona virus

कोरोना वायरस की वजह से दुनिया में हाहाकार मचा है। संक्रमण की वजह से होने वाली बीमारी COVID-19 से बचने के लिए लोग हर संभव यत्न कर रहे हैं। बार-बार हाथों को धोते रहना इस वक्त जरूरी है। चेहरे पर मास्क पहनना भी जरूरी है। दुर्भाग्य से अब तक न तो इसकी रोकथाम और इलाज के लिए कोई टीका ही विकसित हो पाया है और न ही कोई दवाई ही बन सकी है।

WHO ने शुरू किया ट्रायल

बहुत सी ऐसी फार्मा कंपनियां हैं जो इस दिशा में प्रयासरत हैं। शोध भी हो रहे हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन भी कोशिशों में जुटा हुआ है, मगर अब तक कामयाबी हाथ नहीं लगी है। ऐसे में, WHO की ओर से एक ट्रायल शुरू किया गया है उन दवाओं पर, जिनका इस्तेमाल इस वक्त अन्य बीमारियों के इलाज के लिए हो रहा है।

  • इनमें सबसे पहली दवा है रेमडिसिविर (remdesivir), जो कि क्लोरोक्वीन और हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन (chloroquine and hydroxychloroquine) का मिश्रण है।
  • दूसरी दवा है आयोपिनाविर व रिटोनाविर (iopinavir and ritonavir) जो कि HIV की दो दवाओं का मिश्रण है।
  • तीसरी दवा आयोपिनाविर, रिटोनाविर और एक इम्युन सिस्टम मैसेंजर इंटरफेराॅन-बीटा (lopinavir, ritonavir and interferon-beta) का मिश्रण है। इससे वायरस पर लगाम कसने और इसकी तीव्रता में भी कमी लाने की संभावना है।

पहचान लिये गये 69 ड्रग्स

अंतर्राष्ट्रीय वैज्ञानिकों की एक टीम, जिसमें कि भारतीय मूल के भी कई वैज्ञानिक शामिल हैं, ने ऐसे 69 ड्रग्स और प्रयोगात्मक यौगिकों की पहचान की है, जो COVID-19 के इलाज में प्रभावी साबित हो सकते हैं। इनमें वे दवाएं भी शामिल हैं, जिनका इस्तेमाल वर्तमान में

  • टाइप-2 डायबिटीज (type II diabetes)
  • कैंसर (cancer) और
  • हाइपरटेंशन (hypertension) जैसी बीमारियों के इलाज में किया जा रहा है।

क्या पाया अध्ययन में?

  • अपने इस अध्ययन के दौरान शोधकर्ताओं ने उन मानव प्रोटीनों का अध्ययन किया है, जिनका संपर्क SARS-CoV-2 वायरल प्रोटीन से होता है।
  • उन्होंने इसमें पाया है कि ऐसे 332 प्रोटीन है, जो वायरल प्रोटीन के साथ नेटवर्क स्थापित कर लेते हैं।
  • शोधकर्ताओं के मुताबिक यही वे प्रोटीन हैं, जिन पर कोरोना वायरस लोगों में संक्रमण पैदा करने और दूसरों पर पहुंचाने के लिए निर्भर करता है।
  • विशेषज्ञों के अनुसार कई वायरल प्रोटीन ऐसे भी हैं जो लगभग 12 मानवीय कोशिका प्रोटीन के साथ संपर्क करने में सक्षम हैं, जबकि बाकी सिर्फ किसी एक के साथ ही नेटवर्क बना सकते हैं।

एफडीए इनके लिए दे चुका है मंजूरी

शोधकर्ताओं की टीम ने ऐसी 69 दवाओं की पहचान कर ली है, जो नुकसान पहुंचाने वाले इन प्रोटीन्स के सेट का सामना कर सकती हैं। इनमें से 25 के ट्रायल के लिए US Food and Drug Administration (FDA) पहले ही अपनी मंजूरी दे चुका है।

अपने मन से न लें कोई दवा

ध्यान रखें कि इन सभी दवाओं का इस वक्त सिर्फ ट्रायल चल रहा है। ऐसे में आप इन दवाओं का इस्तेमाल इस उद्देश्य से फिलहाल भूलकर भी न करें। किसी भी प्रकार का संदेह अपने स्वास्थ्य को लेकर उत्पन्न होने पर सीधे अपने डाॅक्टर से संपर्क करें।

डिस्क्लेमर (अस्वीकरण) : इस वेबसाइट पर स्वास्थ्य से संबंधित सभी सामग्रियां केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए प्रकाशित की गई हैं और ये पेशेवर चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं हैं। इसलिए अपने स्वास्थ्य या किसी मेडिकल कंडीशन के बारे में यदि आपके मन में कोई सवाल हैं, तो हमेशा किसी योग्य चिकित्सक या अन्य योग्य स्वास्थ्य पेशेवर का मार्गदर्शन लें। यदि आपको लगता है कि आपको कोई मेडिकल इमरजेंसी हो सकती है, तो तुरंत अपने डॉक्टर अथवा आपातकालीन सेवाओं को कॉल करें, या फिर अपने नजदीकी अस्पताल के आपातकालीन विभाग में जाएं। कृपया यह भी ध्यान रखें कि विज्ञापनों में अथवा बाहरी लिंक के सहारे इस वेबसाइट से बाहर ले जाने अन्य वेबसाइटों पर किए गए दावों के लिए तनमन.ओआरजी की टीम ज़िम्मेदार नहीं है।



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