21 नहीं, 49 दिनों के लाॅकडाउन से कोरोना की जंग जीतेगा भारत, शोध में खुलासा
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कोरोना क्विक अपडेट

  • स्वास्थ्य मंत्रालय के 15 मई 2021 के आंकड़ों के मुताबिक, भारत में अभी कोरोना के 3673802 एक्टिव केस हैं, 20432898 लोग ठीक हो चुके हैं और 266207 की मृत्यु हो चुकी है।
  • वेबसाइट वर्ल्डमीटर्स.इनफो के मुताबिक, भारत कोरोना से मृत्यु के मामले में अमेरिका और ब्राजील के बाद तीसरे स्थान पर है।
  • विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों के मुताबिक, कोरोना से पूरी दुनिया में अब तक 16,15,13,458 लोग संक्रमित हुए हैं और 33,52,109 लोग दम तोड़ चुके हैं।
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Instead of 21 days India Needs a 49-day Lockdown to Prevent Resurgence of COVID-19 according to Study

एक तरफ सरकार ने साफ किया है कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई में लॉकडाउन की अवधि 21 दिन यानी 14 अप्रैल के बाद नहीं बढ़ाई जाएगी, वहीं दूसरी तरफ अनेक रिसर्च बता रहे हैं कि केवल 21 दिनों का लॉकडाउन पर्याप्त नहीं होगा और कोरोना को हराने के लिए भारत को इसके आगे भी लॉकडाउन की जरूरत पड़ेगी।

दरअसल, आज दुनिया में कोई ऐसा देश या इलाका नहीं बचा है, जहां कोरोना वायरस (Corona Virus) का संक्रमण नहीं पहुंचा है। जितना नुकसान द्वितीय विश्वयुद्ध (Second World War) के दौरान भी दुनिया को नहीं हुआ, उससे कहीं ज्यादा नुकसान कोरोना वायरस के संक्रमण के फैलने से हुआ है। इसलिए भारत को लेकर भी विश्व समुदाय में चिंता बढ़ती जा रही है, क्योंकि यह विशाल आबादी और सघन जनसंख्या घनत्व वाला देश है।

इन्होंने किया है शोध

ऐसे में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय की ओर से एक शोध किया गया है, जिसमें बताया गया है कि

  • पीएम मोदी द्वारा घोषित किये गये 21 दिनों के लाॅकडाउन से भारत को कुछ खास हासिल नहीं होने वाला।
  • यदि भारत को वास्तव में कोरोना वायरस के खिलाफ अपनी जंग जीतनी है तो इसके लिए भारत को लगातार 49 दिनों के लाॅकडाउन की जरूरत है या फिर यह लाॅकडाउन दो माह तक चलना चाहिए और इसमें बीच-बीच में ब्रेक दिया जाना चाहिए।
  • शोधकर्ताओं ने इसके लिए गणित पर आधारित एक माॅडल को अपना आधार बनाया है।
  • शोधकर्ताओं के मुताबिक भारत यदि चाहता है कि कोरोना वायरस पूरी तरह से देश में खत्म हो जाए और दोबारा यह न पनपे, इसके लिए भारत को 49 दिनों का लाॅकडाउन चाहिए-ही-चाहिए।

इन्होंने दिया है शोध को अंजाम

  • जिन शोधकर्ताओं ने इस शोध को अंजाम दिया है, वे भारतीय मूल के हैं।
  • शोध में बताया गया है कि 21 दिनों के लाॅकडाउन के बाद भी इस बात की पूरी आशंका है कि या तो कोरोना वायरस का संक्रमण देश से समाप्त ही न हो या फिर यदि कुछ समय के लिए दब भी जाए तो दोबारा इसके सिर उठाने का अंदेशा है।
  • इस पेपर को लिखा है रणजय अधिकारी ने। इसके लिए उन्होंने कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में एप्लाइड मैथेमेटिक्स एंड थियोराॅटिकल फिजिक्स (Applied Mathematics and Theoretical Physics) के प्रोफेसर राजेश सिंह की मदद ली है।
  • शोधकर्ताओं ने अपनी इस शोध का शीर्षक भारत में कोविड-19 महामारी पर सामाजिक दूरी का उम्र संबंधी प्रभाव रखा गया है।
  • शोध के दौरान शोधकर्ताओं ने भारतीयों की उम्र का अध्ययन किया है, उनकी सामाजिक संपर्क वाली संरचना को शामिल किया है। साथ ही, कोविड-19 महामारी पर सामाजिक दूरी का प्रभाव किस तरह से पड़ा है, इसके बारे में विस्तार से इस शोध में बताया गया है।

गणितीय आधार पर किया है अध्ययन

  • भारत में लोग सामाजिक दूरी किस तरह से बरत रहे हैं, काम करने लोग जा रहे हैं या नहीं, स्कूलों के बंद करने का क्या प्रभाव पड़ा है, लाॅकडाउन कितने समय के लिए लगाया गया है और किस तरह से ये सारी चीजें प्रभावित कर रही हैं, इन सभी का अध्ययन शोधकर्ताओं ने गणितीय आधार पर किया है।
  • देश में कोरोना वायरस से हुई महामारी कोविड-19 (COVID-19) किस तरह से अपने पांव पसार रही है, इसका अध्ययन करने के लिए इस शोध में एक सर्वे भी किया गया है।
  • सामाजिक दूरी का मैट्रिक्स तैयार किया गया है और उम्र का भी विश्लेषण किया गया है। इन सभी चीजों के आधार पर शोध के परिणाम निकाले गये हैं।

सामाजिक दूरी का महत्व

  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बार-बार लोगों से लाॅकडाउन को सफल बनाने की अपील करते नजर आ रहे हैं। इस रविवार को मन की बात में भी पीएम मोदी ने एक बार फिर से देशवासियों को कोरोना वायरस के संक्रमण से होने वाले नुकसान का एहसास कराते हुए उनसे फिर से लाॅकडाउन का गंभीरता से पालन करने की अपील की है। साथ ही उन्होंने सामाजिक दूरी का भी महत्व उन्हें वर्तमान परिस्थितियों के परिप्रेक्ष्य में बताया है।
  • शोध के लेखकों की ओर से भी इसी सामाजिक दूरी की महत्ता को अपने शोध में उजागर किया गया है। वायरस को जड़ से मिटाने के लिए इस शोध में सामाजिक दूरी यानी कि सोशल डिस्टेंसिंग (Social Distancing) को को सबसे बड़ा हथियार बताया गया है। अब 21 दिनों का लाॅकडाउन क्या रंग लाता है, यह तो वक्त ही बतायेगा।

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