क्या देश में पीपीई और मास्क की वाकई कमी है? जानिए पूरी सच्चाई
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Is there really a shortage of PPE and masks in the country?

उदय चंद्र सिंह केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्द्धन के सहायक निजी सचिव हैं।

कोरोना वायरस से होने वाले संक्रमण के कारण देश की जनता में एक डर समाया हुआ है। कुछ लोग बार-बार यह सवाल उठा रहे हैं कि देश में पीपीई (Personal Protective Equipment) और एन-95 मास्क की कमी है। लेकिन क्या आपको लगता है कि जिस सरकार ने तीन महीने पहले कोरोना वायरस के खिलाफ रणनीति बनानी शुरू कर दी थी, उसे इसकी परवाह नहीं है?

दरअसल, ज्यादातर राज्य और अस्पताल अपने डॉक्टरों व नर्सों के हिसाब से पीपीई और मास्क की ज़रूरत का हिसाब लगा रहे हैं, जबकि इसकी खपत का गणित अलग है। मसलन बिहार का मामला लें। बिहार के प्रमुख सचिव ने हाल ही में कहा था कि राज्य के पास कोरोना के खिलाफ लड़ाई में संसाधनों की कमी है। उनका दावा है कि बिहार के पास एन-95 मास्क और पीपीई की भारी कमी है। इसके लिए बिहार सरकार के अफसर लगातार केंद्र सरकार और अन्य एजेंसियों के संपर्क में हैं। बिहार सरकार ने केंद्र से पांच लाख पीपीई की मांग की थी, लेकिन सिर्फ चार हजार ही मिला।

सवाल है कि बिहार ने पांच लाख पीपीई की मांग किस आधार पर की? हमें यह समझना होगा कि पीपीई और एन-95 मास्क की ज़रूरत सिर्फ कोरोना वार्ड में ड्यूटी करने वाले डॉक्टरों को ही होती है, न कि सभी डॉक्टरों, नर्सों व कर्मचारियों को। जब संभावित मरीजों की संख्या का ही अभी अंदाजा नहीं है, तो राज्य सरकारें किस आधार पर कह सकती है कि संसाधनों की कमी है?

स्थिति यह है कि केंद्र सरकार सभी राज्य सरकारों को वर्तमान जरूरतों के हिसाब से संसाधन उपलब्ध करा रही है। हमें इस बात को समझने की जरूरत है कि जिस राज्य से संक्रमण के ज्यादा मामले रिपोर्ट हुए हैं, उन्हें ज्यादा मात्रा में पीपीई मुहैया कराई गई है और जिन राज्यों में कम केस रिपोर्ट हुए हैं, वहां कम पीपीई दी गई है।

पीपीई पर्याप्त मात्रा में रहे, इसके लिए केंद्र सरकार लगातार काम कर रही है और आने वाले हफ्तों में इस संकट का हल भी निकल आएगा। इसलिए देश में पीपीई और मास्क की कमी जैसी खबरों से घबराइए मत। सरकार को आपकी पूरी चिंता है।

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