कोरोना से देश को उबारने में जुटे आरएसएस के दो लाख स्वयंसेवक, तबलीगियों के आचरण को बताया विकृत मानसिकता
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Two lakh RSS volunteers engaged in reviving the country from Corona, know what the Sangh said on Tabligi Jamaat

नयी दिल्ली, 6 अप्रैल। देश में कोरोना संक्रमण को बढ़ाने में तबलीगी जमात की भूमिका और उसके आचरण को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने विकृत मानसिकता करार दिया है। संघ के अखिल भारतीय सह सरकार्यवाह मनमोहन वैद्य ने वीडियो ऐप के माध्यम से आयोजित पत्रकार वार्ता में तबलीगियों के बारे में पूछे जाने पर कहा कि इस बारे में उन्हें अलग से कोई टिप्पणी नहीं करनी, लेकिन उनके कारण कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ रही है, तथ्य यही कह रहे हैं।

तबलीगी जमात की बैठक से तुलना करते हुए उन्होंने बताया कि ठीक उसी समय बेंगलुरु में संघ की प्रतिनिधि सभा की बैठक होनी थी, लेकिन स्थिति की गंभीरता को देखते हुए उसे रद्द कर दिया गया था। जो लोग इस बैठक के लिए पहुंच भी गए थे, उन्हें दूर-दूर रखा गया और वापस भिजवा दिया गया।

मनमोहन वैद्य ने कहा कि अपने कार्यक्रम रद्द ना करना एक बात है, लेकिन छिपे रहना, लोगों को छिपाना, सेवा में लगे लोगों और नर्सों के साथ दुर्व्यवहार करना उनकी विकृत मानसिकता को ही दर्शाता है। हालांकि उन्होंने कहा कि मुस्लिम समुदाय का एक बड़ा वर्ग सरकार के निर्देशों का समर्थन कर रहा है, लेकिन एक तबका है जो समझने की चेष्टा नहीं कर रहा।

तबलीगियों से जुड़े एक अन्य प्रश्न पर उन्होंने कहा कि यह एक साजिश है या नहीं, यह उन्हें नहीं पता, लेकिन अपने समाज में ये लोग खुद एक्सपोज हो रहे हैं।

90 साल में पहली बार संघ शिक्षा वर्ग निरस्त

मनमोहन वैद्य ने बताया कि यह समय संघ के शिक्षा वर्ग का होता है, जिसे प्रतिबंध अवधि को छोड़कर 1929 से लेकर आज तक कभी भी निरस्त नहीं किया गया था। लेकिन देश और मानवता के सामने पैदा हुए इस अभूतपूर्व संकट को देखते हुए 90 साल में पहली बार इसे निरस्त कर दिया गया है।

सेवा में जुटे हैं संघ के दो लाख स्वयंसेवक

मनमोहन वैद्य ने इस पत्रकार वार्ता में उत्तर पूर्वी राज्यों अरुणाचल, मणिपुर, त्रिपुरा सहित देश के प्रत्येक राज्य में संघ के स्वयंसेवकों द्वारा किये जा रहे सेवा-कार्यों की भी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि

  • इस समय देश भर में 26 हजार स्थानों पर संघ के 2 लाख स्वयंसेवक सेवा कार्यों में लगे हैं।
  • इन सेवा कार्यों से साढे 25 लाख परिवारों को लाभ मिला है।
  • इनमें लगभग 25 प्रकार के सेवा कार्य चल रहे हैं।
  • कई स्थानों पर हेल्पलाइन नंबर जारी किए गए हैं, जिनके माध्यम से लोगों की समस्याएं हल की जा रही हैं।
  • इन सेवा कार्यों में लोगों को भोजन, चिकित्सा सुविधा और दूसरी तरह की सेवाएं मुहैया कराई जा रही हैं।
  • इसमें दूसरे प्रांतों से आकर दूसरी जगहों पर रह रहे लोगों की सहायता की जा रही है।
  • कई जगहों पर कोरोना से बचाव के लिए सेफ्टी ड्रेस का निर्माण किया जा रहा है।
  • कई स्वयंसेवक परिवार मास्क बनाकर भी दे रहे हैं।
  • रोग प्रतिरक्षा शक्ति यानी इम्युनिटी पावर बढ़ाने के लिए लोगों को आयुर्वेदिक काढ़ा और होम्योपैथिक दवाइयां भी दी जा रही हैं।
  • अलग-अलग स्थानों पर दूध, सब्जी, फल भी उपलब्ध करवाए जा रहे हैं।
  • धार्मिक स्थानों पर आश्रित रहने वाले भिक्षुकों के लिए भी भोजन की व्यवस्था हो रही है।
  • चित्रकूट और हम्पी में बंदरों के लिए भी भोजन की व्यवस्था की जा रही है।
  • देश में कई स्थानों पर घुमंतू जनजातियों और कई प्रदेशों में जनजातीय इलाकों में लोगों की सहायता के लिए स्वयंसेवक सतत लगे हैं।
  • मध्य प्रदेश में संघ से संबंधित संस्था विद्या भारती ने 16 जिलों में अपने 115 भवन प्रशासन को उपयोग के लिए दिए हैं।
  • संघ के स्वयंसेवक दैनिक मजदूरी करने वालों की भी चिंता कर रहे हैं।
  • दिव्यांगों के बीच काम करने वाले सक्षम नाम के संगठन ने इस संकट के दौरान मनोचिकित्सकों की सेवाएं भी उपलब्ध करवाई हैं।
  • सफाई, सुरक्षा और दूसरे आवश्यक कार्यों में लगे लोगों की चिंता, उन्हें चाय बिस्किट देने का काम भी स्वयंसेवकों ने किया है।
  • संघ की प्रत्यक्ष लगने वाली शाखाएं ई. शाखा के रूप में लग रही हैं।
  • परिवार के लोग साथ आ रहे हैं तो परिवार शाखा का प्रयोग भी हो रहा है।

सेवा में जुटे हैं आरएसएस के ये संगठन

मनमोहन वैद्य ने बताया कि सेवा के इस विशाल कार्य में सेवा भारती, राष्ट्र सेविका समिति, विद्या भारती, भारतीय मजदूर संघ, वनवासी कल्याण आश्रम, सक्षम, नेशनल मेडिकल आर्गनाइजेशन, भाजपा, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, भारतीय किसान संघ, आरोग्य भारती, सीमा जन कल्याण समिति जैसी संस्थाओं ने सहयोग किया है।

सरकार के कदमों की सराहना की

एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि इस संकट से निपटने की जिम्मेदारी केवल सरकार की नहीं है। सबसे पहले हमें इस बीमारी की चुनौती से बाहर निकलना है, उसके बाद देश को आर्थिक संकट से बाहर निकलना है, फिर धीरे-धीरे स्थिति सामान्य होगी। उन्होंने कहा कि 130 करोड़ की विशाल और विविधतापूर्ण जनसंख्या वाले देश में आवश्यक निर्णयों को लागू कराने में सरकार सफल रही है। जिस तरह से पहले 1 दिन के जनता कर्फ्यू और फिर 21 दिन के देशव्यापी लॉकडाउन का फैसला लिया गया, वह सही रणनीति थी।

संघ ने बताई तीन सावधानियां

सुरक्षा और बचाव को लेकर एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि सभी को मास्क लगाना है, सैनिटाइजर का प्रयोग करना है और सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखनी है। सेवा-कार्य करते समय स्वयंसेवक भी इसका पालन कर रहे हैं।

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