गणितीय मॉडल से कोरोना से जीतेंगे जंग, प्रिंसटन यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने जगाई उम्मीद
कृपया शेयर करें ताकि अधिक लोग लाभ उठा सकें

कोरोना क्विक अपडेट

  • स्वास्थ्य मंत्रालय के 15 मई 2021 के आंकड़ों के मुताबिक, भारत में अभी कोरोना के 3673802 एक्टिव केस हैं, 20432898 लोग ठीक हो चुके हैं और 266207 की मृत्यु हो चुकी है।
  • वेबसाइट वर्ल्डमीटर्स.इनफो के मुताबिक, भारत कोरोना से मृत्यु के मामले में अमेरिका और ब्राजील के बाद तीसरे स्थान पर है।
  • विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों के मुताबिक, कोरोना से पूरी दुनिया में अब तक 16,15,13,458 लोग संक्रमित हुए हैं और 33,52,109 लोग दम तोड़ चुके हैं।
  • कोरोना के बारे में अफवाहों से बचने और पल-पल की सही जानकारी व ख़बरें प्राप्त करने के लिए जुड़े रहें https://tanman.org/ के साथ।

Will this mathematical model defeat Corona?

दुनिया भर में कोरोना महामारी (Corona virus) ने अपने पांव पसार लिये हैं। ऐसे में यह बहुत जरूरी है कि इसका अध्ययन ठीक तरीके से हो, ताकि कोरोना महामारी से लड़ना प्रभावी साबित हो। ऐसे में कोरोना वायरस को मिटाने के लिए गणितीय मॉडल पर वैज्ञानिकों की ओर से भरोसा जताया जा रहा है।

जी हां, एक नया गणितीय मॉडल सामने आया है, जिसमें कोरोना वायरस किस तरह से म्यूटेशन (mutation) कर रहा है यानी कि खुद को बढ़ा रहा है, इस पर नजर रखने की क्षमता को और बढ़ाने का काम करता है। इस मॉडल को जितनी जल्दी हो सके, इस्तेमाल में लाने की वकालत शोधकर्ताओं द्वारा की जा रही है, ताकि कोरोना महामारी ने कितनी दूर तक दुनिया को प्रभावित कर दिया, इसका सही आकलन किया जाना मुमकिन हो सके।

इन्होंने किया है तैयार

  • इस गणितीय माॅडल को कार्नेगी मेलन यूनिवर्सिटी (Carnegie Mellon University) और प्रिंस्टन यूनिवर्सिटी (Princeton University) के वैज्ञानिकों ने मिलकर तैयार किया है।
  • आखिर किस तरीके से कोरोना वायरस अपनी संख्या बढ़ाता है, किस तरीके से यह म्यूटेशन करता है, इसे समझ पाना इसके जरिये आसान हो जायेगा। ऐसे में इस पर हमला करके इसकी उत्पत्ति और इसके फैलाव पर नियंत्रण करना संभव हो पायेगा।

साबित होगा बड़ा हथियार

इस बारे में प्रिंस्टन यूनिवर्सिटी में इंजीनियरिंग विभाग से जुड़े और अध्ययन में शामिल सबसे प्रमुख शोधकर्ताओं में से एक एच विंसेंट पुअर (Dr H Vincent Poor) का कहना है कि यह जो गणितीय माॅडल उनके द्वारा विकसित किया गया है, उन लोगों पर वे इसका परीक्षण करना चाह रहे हैं, जो क्वारंटाइन और आइसोलेशन में वक्त बिता रहे हैं। इन पर टेस्ट किये जाने के बाद महामारी के खिलाफ जंग में यह एक बड़ा हथियार साबित हो सकता है।

वर्तमान माॅडल प्रभावी नहीं

  • जो डाॅक्टर, नर्स और स्वास्थ्यकर्मी कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के उपचार में लगे हुए हैं, उनसे हासिल किये गये आंकड़ों के आधार पर वैज्ञानिकों ने इस गणितीय माॅडल को विकसित किया है।
  • इस बारे में प्रोफेसर पुअर का मानना है कि कोरोना वायरस किस तरह से म्यूटेशन कर रहा है, इसका पता लगाने के लिए इस वक्त जो माॅडल प्रयोग में लाये जा रहे हैं, वे ठीक से म्यूटेशन को का पता लगा पाने में सक्षम नहीं हैं। यही वजह है कि कोरोना वायरस का इलाज ढूंढ़ पाने में इतनी देर हो रही है। उन्होंने जो माॅडल तैयार किया है, उसके जरिये न केवल किसी संक्रमण फैले हुए इलाके में मरीजों का इलाज करने में मदद मिलने वाली है, बल्कि इससे यह फैसला करना भी आसान हो जायेगा कि किन लोगों को क्वारंटाइन किये जाने की जरूरत है और किन्हें आइसोलेशन में भेजना है।
  • एक खासियत इस माॅडल की यह भी है कि म्यूटेशन के पीछे की वजह क्या है, यह भी इस गणितीय माॅडल के जरिये पता लगाया जा सकता है।

इन पर हो चुका है परीक्षण

  • Proceedings of the National Academy of Sciences में इस शोध को प्रकाशित किया गया है।
  • इसमें बताया गया है कि गणितीय माॅडल दरअसल यह पता लगाता है कि बीमारी के पैदा होने के दौरान किस-किस प्रकार के बदलाव देखने को मिले थे। साथ ही उससे संबंधित अन्य जानकारियों का भी यह तार्किक विश्लेषण करता है।
  • इस माॅडल को वास्तविक परिस्थितियों में टेस्ट किया गया है। यूएस में स्टूडेंट्स, टीचर्स व स्टाफ के बीच इसका परीक्षण किया गया है। उसी तरह से फ्रांस के लियोन में एक हाॅस्पिटल में भी मरीजों पर इसका परीक्षण करके इसके निष्कर्ष निकाले गये हैं।

डिस्क्लेमर (अस्वीकरण) : इस वेबसाइट पर स्वास्थ्य से संबंधित सभी सामग्रियां केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए प्रकाशित की गई हैं और ये पेशेवर चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं हैं। इसलिए अपने स्वास्थ्य या किसी मेडिकल कंडीशन के बारे में यदि आपके मन में कोई सवाल हैं, तो हमेशा किसी योग्य चिकित्सक या अन्य योग्य स्वास्थ्य पेशेवर का मार्गदर्शन लें। यदि आपको लगता है कि आपको कोई मेडिकल इमरजेंसी हो सकती है, तो तुरंत अपने डॉक्टर अथवा आपातकालीन सेवाओं को कॉल करें, या फिर अपने नजदीकी अस्पताल के आपातकालीन विभाग में जाएं। कृपया यह भी ध्यान रखें कि विज्ञापनों में अथवा बाहरी लिंक के सहारे इस वेबसाइट से बाहर ले जाने अन्य वेबसाइटों पर किए गए दावों के लिए तनमन.ओआरजी की टीम ज़िम्मेदार नहीं है।



error: Content is protected !!