क्या महामृत्युंजय मंत्र से कोरोना का इलाज संभव है?
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Can Maha Mrityunjay Mantra cure COVID-19 patients?

वैदिक मंत्रों के सहारे बीमारियों का इलाज करने वाले डॉ. चेन्ना केशव शास्त्री ने दावा किया है कि महामृत्युंजय मंत्र में वह शक्ति है, जिससे कोरोना जैसी महामारी को भी मात दी जा सकती है। आपको बता दें कि महामृत्युंजय मंत्र का इस्तेमाल यजुर्वेद के रुद्र अध्याय में भगवान शिव की स्तुति के लिए किया गया है।

महामृत्युंजय मंत्र के बारे में भारतीय जनमानस में यह पुरानी मान्यता है कि यह मृत्यु को जीतने वाला महान मंत्र है, जैसा कि इसके नाम के अर्थ से भी स्पष्ट है। मान्यताओं के मुताबिक, यदि कोई व्यक्ति किसी महारोग से पीड़ित हो या ऐसी कोई महामारी फैली हो, जिससे व्यापक जनहानि होने का खतरा हो, वैसी स्थिति में महामृत्युंजय मंत्र का जाप संकट से उबार सकता है।

मानव शरीर भूमि, जल, अग्नि, वायु और आकाश – इन पंचमहाभूतों से बना है और भगवान शिव पंचमहाभूतों के अधिपति माने जाते हैं। भगवान शिव के शरीर पर लेपित भस्म, उनकी चोटी से निकलती हुई गंगा, उनके गले में लिपटा हुआ सांप, उनकी तीसरी आंख और हाथ में डमरू – ये पंचमहाभूतों के प्रतीक हैं। इसलिए उनकी उपासना से मनुष्य को अनेकानेक फायदे होने के साथ ही विभिन्न प्रकार के गंभीर रोगों और महामारियों से मुक्ति मिलती है।

महामृत्युंजय मंत्र और उसका अर्थ

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिम् पुष्टिवर्धनम् |
उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात् ||

अर्थात हम त्रिनेत्र को पूजते हैं, जो सुगंधित हैं, हमारा पोषण करते हैं। जिस तरह फल, शाखा के बंधन से मुक्त हो जाता है, वैसे ही हम भी मृत्यु और नश्वरता से मुक्त हो जाएं।

शिव पंचाक्षरी मंत्र में भी है अपार शक्ति

हालांकि डॉ. चेन्ना केशव शास्त्री के मुताबिक, महामृत्युंजय मंत्र कठिन है और इसका सही-सही सस्वर पाठ करना आम जन के लिए आसान नहीं है। ऐसे में शिव पंचाक्षरी मंत्र – “शिवाय नमः” का जाप करना भी लोगों के लिए काफी फलदायी हो सकता है। इसमें भी वही भाव निहित हैं, जो महामृत्युंजय मंत्र में निहित हैं। इसलिए, जिस परिवार में कोई व्यक्ति कोरोना सहित किसी भी अन्य महामारी का शिकार हो, उस परिवार के सभी सदस्यों को सुबह-शाम नहाकर एक एक घंटा शिव पंचाक्षरी मंत्र का जाप करना चाहिए।

विजयवाड़ा निवासी डॉ. चेन्ना केशव शास्त्री महर्षि वेद व्यास इंटरनेशनल वैदिक यूनिवर्सिटी से वैदिक चिकित्सा में पीएचडी होल्डर हैं और उनका दावा है कि वैदिक मंत्रों के सहारे वे कब्ज, एसिडिटी, मोटापा, जॉन्डिस, लीवर सिरोसिस आदि अनेक बीमारियों को ठीक कर चुके हैं।

tanman.org की सलाह

इसमें कोई शक नहीं कि वैदिक मंत्र अपनी नाद शक्ति के कारण जहां मानव शरीर को संपूर्ण हीलिंग प्रदान करते हैं, वहीं ये मन में आशा और विश्वास का संचार करके हमारे मनोबल को भी मजबूत बनाते हैं, जिससे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। इसलिए इन मंत्रों का विधिवत पाठ करने-कराने में कोई बुराई नहीं है, लेकिन किसी भी बीमार व्यक्ति को केवल मंत्रों और पूजा-पाठ के भरोसे न छोड़ें। सही तरीका यह है कि इन मंत्रों का पाठ किसी विशेषज्ञ डॉक्टर की समुचित निगरानी में इलाज कराए जाने के साथ ही कराया जाना चाहिए।

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