जो कोई नहीं कर सका दुनिया में, वह करने जा रही भारतीय रेल, 20 हज़ार बोगियों में बनाए जा रहे अस्पताल
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Corona virus will succumb to this preparation of Indian Railways

कोविड-19 की तैयारियों के तहत देश में तैयार की जा रही क्वॉरन्टीन सुविधाओं में वृद्धि करने के लिए भारतीय रेलवे ने 20,000 कोचों को क्‍वारंटीन/आइसोलेशन कोचों में परिवर्तित करने की तैयारी करने का फैसला किया है। इस संबंध में सशस्‍त्र बल चिकित्‍सा सेवाओं, रेलवे के विभिन्‍न ज़ोनों के चिकित्‍सा विभागों और आयुष्‍मान भारत, स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय, भारत सरकार के साथ परामर्श किया गया है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन के सहायक निजी सचिव उदय चंद्र सिंह ने www.tanman.org से विशेष बातचीत में बताया कि रेलवे के पांच ज़ोन पहले ही क्‍वारंटीन/आइसोलेशन कोचों के लिए प्रोटोटाइप्‍स तैयार कर चुके हैं। उन्होंने बताया कि ये परिवर्तित 20,000 कोच आइसोलेशन संबंधी जरूरतों की पूर्ति करने के लिए 3.2 लाख संभावित बिस्‍तरों का प्रबंध कर सकेंगे। इनमें से शुरुआती 5,000 कोचों को क्‍वारंटीन/आइसोलेशन कोचों  में परिवर्तित करने का काम पहले ही शुरू किया जा चुका है। इन 5,000 कोचों में 80,000 बिस्‍तरों की व्‍यवस्‍था करने की क्षमता होगी। एक कोच में आइसोलेशन के लिए 16 बिस्‍तर लगाए जाने की संभावना है।

20 हज़ार कोच में बनेंगे ऐसे-ऐसे 3.2 लाख बेड

उदय चंद्र सिंह के मुताबिक, इस इमरजेंसी प्लान के तहत, फिलहाल केवल नॉन-एसी आईसीएफ स्‍लीपर कोचों को ही क्‍वारंटीन/आइसोलेशन कोचों में परिवर्तित किए जाने की योजना है। इस योजना के तहत हर कोच में निम्नलिखित इंतजाम होंगे-

  • भारतीय शैली के एक शौचालय को बाथरूम में परिवर्तित किया जाएगा। इसमें बाल्‍टी, मग और सोप डिस्‍पेंसर रखा जाएगा। इसके वाश बेसिन में लिफ्ट टाइप हैंडल वाले नल उपलब्‍ध कराए जाएंगे। इसी तरह के नल उचित ऊंचाई पर लगाए जाएंगे, ताकि इनसे बाल्‍टी में पानी भरा जा सके। 
  • बाथरूम के निकट प्रथम कैबिन के गलियारे में दो अस्‍पताल/प्‍लास्टिक पर्दे आड़े लगाए जाएंगे ताकि पूरे आठ बर्थ वाले केबिनों का प्रवेश और निकास देखा जा सके। इस कैबिन का उपयोग स्‍टोर/पैरामेडिक्‍स एरिया के तौर पर किया जाएगा।
  • चिकित्‍सा विभाग द्वारा दो ऑक्‍सीजन सिलिंडर उपलब्‍ध कराए जाएंगे, जिनके लिए इस कैबिन की साइड बर्थ वाली जगह पर उचित क्लैम्पिंग का इंतजाम किया जाएगा।
  • प्रत्‍येक कैबिन के बीच वाले दोनों बर्थ हटाए जाएंगे।
  • चिकित्‍सा उपकरणों को लगाने के लिए अतिरिक्‍त बोटल होल्‍डर्स उपलब्‍ध कराए जाएंगे।ये प्रत्‍येक कैबिन में प्रत्‍येक बर्थ के लिए दो होंगे।
  • प्रति कैबिन 2 अतिरिक्‍त 3 पैग कोट हुक्‍स उपलब्‍ध कराए जाएंगे।
  • मच्‍छरों से बचाव के लिए खिड़कियों पर मच्‍छरदानियां लगाई जाएंगी और वेंटिलेशन का भी उपयुक्‍त प्रबंध किया जाएगा।
  • प्रत्‍येक कैबिन में लाल, नीले और पीले रंग के 3 कूड़ेदान उपलब्‍ध कराए जाएंगे, जिनके ढक्‍कन को पैर से खोला जा सकेगा और उन पर कूड़े वाली थैलियां लगी होंगी।
  • कोचों के इन्‍सुलेशन के लिए कोच की छत और कोच की खिड़कियों के ऊपर और नीचे दोनों तरफ बांस/खस की चटाइयां फिक्‍स/चिपकाई जा सकती हैं, ताकि कोच के भीतर ऊष्‍मा के प्रभाव को रोका जा सके। 
  • लैपटॉप और मोबाइल की चार्जिंग के लिए सभी प्‍वाइंट काम करने की अवस्‍था में होंगे।
  • यह भी आवश्‍यक तौर पर सुनिश्चित किया जाएगा कि जब भी कोचों की मांग की जाएगी सुविधाओं संबंधी सभी फिटिंग्‍स अपनी जगह यथावत होंगी।
कोरोना वायरस को यहीं मिलेगी सज़ा-ए-मौत

जाहिर है, दुनिया के अनुभवों से सबक लेते हुए मोदी सरकार कोरोना वायरस के संक्रमण को एक बड़ी चुनौती के रूप में देख रही है। इसलिए वह किसी भी इमरजेंसी स्थिति के लिए तैयार रहना चाहती है, ताकि विशाल आबादी वाले हमारे देश के हर एक नागरिक की जान की हिफाजत सुनिश्चित हो सके।

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