कोरोना टेस्ट का परिणाम बस 20 मिनट में, ऑस्ट्रेलियाई शोधकर्ताओं को मिली कामयाबी
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Australia’s Monash University develops new blood test to trace coronavirus in 20 minutes

कोरोनावायरस (Coronavirus) का टीका विकसित किए जाने के प्रयास दुनियाभर में भले ही बड़ी तेजी से चल रहे हैं, लेकिन विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) अब भी यही कह रहा है कि कोरोना टेस्टिंग की गति बढ़ाने की जरूरत है। ऐसे में ऑस्ट्रेलियाई शोधकर्ताओं को इस दिशा में एक बड़ी कामयाबी हाथ लगी है।

20 मिनट में रिजल्ट का दावा

  • कोरोनावायरस का टेस्ट किए जाने में जो विलंब हो रहा है, उसकी वजह से भी अधिकतर मामलों में कोविड-19 (COVID-19) का संक्रमण तेजी से फैलता हुआ देखा गया है।
  • थोड़े समय में ही कोरोना टेस्टिंग का नतीजा देने वाले कई तरीकों का इजाद हो चुका है। ऑस्ट्रेलियाई वैज्ञानिकों को भी इस क्रम में एक बड़ी कामयाबी हाथ लगी है।
  • ऑस्ट्रेलियाई शोधकर्ताओं की तरफ से इस बात का दावा किया गया है कि जो ब्लड टेस्ट उन्होंने विकसित किया है, उसके जरिए केवल 20 मिनट में रिजल्ट दे दिया जाएगा कि कोई व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव है या कोरोना नेगेटिव।

इन्हें मिली कामयाबी

  • मेलबर्न के मोनाश यूनिवर्सिटी (Monash University) के शोधकर्ताओं को यह कामयाबी मिली है।
  • इन शोधकर्ताओं ने जो ब्लड टेस्ट विकसित किया है, इसके जरिए कोरोनावायरस के फैलने की गति को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी।
  • शोधकर्ता मोनाश यूनिवर्सिटी के डॉ साइमन कोरी (Dr Simon Corrie) ने बताया है कि केवल 25 माइक्रोलीटर प्लाज्मा किसी भी व्यक्ति के ब्लड सैंपल से उन्हें लेने की आवश्यकता होगी।
  • यदि वह व्यक्ति कोरोनावायरस के संक्रमण का शिकार होगा तो लाल रक्त कोशिकाएं गुच्छे में उसके रक्त के नमूने में नजर आने लगेंगी।
  • बिना किसी उपकरण की सहायता से सामान्य आंखों से ही इन्हें देखा जा सकेगा।
  • शोधकर्ताओं ने इस बात का दावा किया है कि इस ब्लड टेस्ट के जरिए परिणाम सिर्फ 20 मिनट में मिल जाएंगे।

एक घंटा में 200 नमूनों की जांच

  • गौरतलब है कि अब तक जो कोरोना की टेस्टिंग के तरीके अपनाए जा रहे हैं, उनमें स्वैब की जांच की जा रही है या फिर पीसीआर टेस्ट के माध्यम से इसे संचालित किया जा रहा है। इसमें वक्त काफी लग रहा है।
  • शोधकर्ताओं ने इस बात का दावा किया है कि उन्होंने जो कोरोनावायरस टेस्टिंग का तरीका ढूंढ निकाला है, उसके जरिए एक घंटा में 200 रक्त के नमूनों की जांच आसानी से की जा सकती है।

इन देशों में मददगार

  • शोधकर्ताओं ने यह भी बताया है कि जिन देशों में कोरोनावायरस की रफ्तार बहुत तेज है और जहां बड़ी आबादी कोरोना की चपेट में आ गई है, उन देशों को इससे बहुत लाभ मिलने वाला है।
  • भारत में भी जिस तेजी से कोरोनावायरस अपने पांव पसार रहा है, वैसे में ऑस्ट्रेलियाई शोधकर्ताओं द्वारा ढूंढी गई कोरोनावायरस की यह तकनीक बहुत ही मददगार साबित हो सकती है।
  • कई बड़े अस्पताल जहां हाई डायग्नोस्टिक मशीनों की उपलब्धता होती है, इन अस्पतालों में एक घंटा में 700 रक्त नमूनों की जांच नई तकनीक के माध्यम से की जानी संभव है।
  • इस तरह से यदि पूरे दिन का हिसाब किया जाए तो 16 हजार 800 जांच 24 घंटे में कर पाना मुमकिन है।

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