परिवार प्रबोधन ने सवा लाख परिवारों में एक साथ कराया हनुमान चालीसा का पाठ
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1.25 lakh families recited Hanuman Chalisa together in a drive started by Parivar Prabodhan, a wing of RSS

नई दिल्ली। 12 अप्रैल। कोरोना के चलते देश में लागू संपूर्ण लॉक-डाउन के बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के लाखों कार्यकर्ता जहां दिन रात लोगों को जरूरी वस्तुएं, भोजन और राशन प्रदान करने में जुटे हैं, वहीं संघ की ही एक अन्य इकाई परिवार प्रबोधन ने लॉकडाउन से परेशान और तनावग्रस्त परिवारों को मानसिक तौर पर मजबूत बनाने का बीड़ा उठाया है।

दिल्ली प्रदेश परिवार प्रबोधन के संयोजक भगवान दास ने तनमन.ओआरजी (www.tanman.org) को बताया कि 11 अप्रैल को रात 8 बजे दिल्ली के सवा लाख परिवारों के बीच श्री हनुमान चालीसा, जपुजी साहब का पाठ अथवा महावीर स्वामी जी की स्तुति का महाअभियान शुरू किया गया। कार्यक्रम के दौरान इन सभी ने एक साथ कोरोना संक्रमण से देश की मुक्ति के लिए प्रार्थना की।

5 अप्रैल को कराया था गायत्री मंत्र का पाठ

इससे पहले, 5 अप्रैल को भी सुबह 11 बजे दिल्ली के 2,150 परिवारों के 10,125 सदस्यों ने एक साथ गायत्री मंत्र का जाप किया था। इस अनूठे आयोजन में 3 लाख 13 हजार 875 बार गायत्री मंत्रों का जाप किया गया। इस दौरान 100 परिवारों ने हवन भी किया। परिवार प्रबोधन के इस कार्य से उन परिवारों में सकारात्मक शक्ति का संचार हुआ, जो लॉक-डाउन की वजह से तनाव और हताशा के माहौल में थे।

परिवारों में संस्कार भरता है परिवार प्रबोधन

भगवान दास ने बताया कि हमारा मुख्य उद्देश्य परिवारों में संस्कारों की स्थापना, राष्ट्रभक्ति की भावना का संचार, माता-पिता की सेवा, पारिवारिक मर्यादा की गरिमा और सनातन धर्म से जुड़े आध्यात्मिक मूल्यों का प्रसार करना है। इस दौरान हम जिस भी परिवार के बीच जाते हैं, उनसे आग्रह करते हैं कि दिन में एक बार परिवार के सभी सदस्य एक साथ बैठें, अपनी-अपनी बातें कहें, अपने दिन भर के अनुभव को बताएं और अपने ईष्टदेव का स्मरण करने के बाद ही भोजन ग्रहण करें। इस दिनचर्या से परिवारों के बीच फैली नकारात्मकता खत्म होगी और हर परिवार में नई शक्ति और सकारात्मकता का संचार होगा, जो राष्ट्र और समाज के लिए बहुत जरूरी है। 

भगवान दास के मुताबिक, परिवार प्रबोधन के कार्यकर्ता उन परिवारों के बीच जा रहे हैं जो लॉक-डाउन की वजह से चिंतित है और तनाव में है। ऐसे परिवारों के वरिष्ठ सदस्यों को सत्संग, प्रार्थना, गुरुवाणी, सुंदर कांड और दुर्गा स्तुति के अध्याय सुनाकर उनके अंदर सकारात्मक ऊर्जा और शक्ति का संचार किया जा रहा है। परिवार प्रबोधन के कार्यकर्ता कोविड-19 के प्रति लोगों को जागरूक भी कर रहे हैं और उन्हें इस वातावरण से निकलने के तरीके बता रहे हैं।

प्रादेशिक भाषा संवर्धन के कार्यक्रम

भगवान दास ने बताया कि परिवार प्रबोधन द्वारा राजधानी में प्रादेशिक भाषा के संवर्धन का काम भी किया जा रहा है। इस कार्य के दौरान दिल्ली में रहने वाले तेलुगू, मराठी, तमिल, मलयालम, बंगाली, गुजराती और कन्नड़ भाषियों को उन्हीं की भाषा में राष्ट्रीय महापुरूषों के विचारों वाला साहित्य प्रदान किया जा रहा है। इतना ही नहीं, कोरोना संक्रमण के चलते दिल्ली में रहने वाले मराठी, गुजराती, बंगाली, तेलुगू, तमिल, कन्नड़ और मलयाली परिवारों के लिए भोजन और राशन की व्यवस्था भी की गई। इस दौरान भोजन के 16950 पैकेट, 1482 परिवारों को राशन की किट, 240 परिवारों को सेनेटाइजर और 450 परिवारों को मास्क का वितरण किया गया।

आपको बता दें कि राजधानी दिल्ली सहित देश भर में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के दो लाख से अधिक स्वयंसेवक करोड़ों लोगों की सहायता में जुटे हैं। अकेले दिल्ली में हर रोज एक हजार से अधिक स्वयंसेवक 30 हज़ार से अधिक लोगों को राशन और भोजन मुहैया करा रहे हैं।

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