जगी उम्मीद, चल गया पता कोरोना का मुकाबला कैसे कर सकता है मानव शरीर
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कोरोना क्विक अपडेट

  • स्वास्थ्य मंत्रालय के 15 मई 2021 के आंकड़ों के मुताबिक, भारत में अभी कोरोना के 3673802 एक्टिव केस हैं, 20432898 लोग ठीक हो चुके हैं और 266207 की मृत्यु हो चुकी है।
  • वेबसाइट वर्ल्डमीटर्स.इनफो के मुताबिक, भारत कोरोना से मृत्यु के मामले में अमेरिका और ब्राजील के बाद तीसरे स्थान पर है।
  • विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों के मुताबिक, कोरोना से पूरी दुनिया में अब तक 16,15,13,458 लोग संक्रमित हुए हैं और 33,52,109 लोग दम तोड़ चुके हैं।
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Australian scientists finds out how human body could fight corona virus

कोरोना वायरस (Corona virus) का कहर जारी है। समूची दुनिया अब लगभग इसके आगोश में है। मौत का मंजर कई यूरोपीय देशों में देखने को मिल रहा है। अमेरिका तक अछूता नहीं रह गया है। भारत में भी मरीजों की तादाद लगातार बढ़ती ही जा रही है। ऐसे में बस हर कोई यही आस लगाये बैठा है कि कोरोना का टीका कब आयेगा? कोरोना की दवाई कब आयेगी?

शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता से जुड़ा है शोध

बीते दिनों ऑस्ट्रेलिया में वैज्ञानिकों ने पता लगाया था कि किस तरह से HIV की दवा इसके इलाज में कारगर साबित होती दिख रही है, वहीं अब यहां के ही वैज्ञानिकों ने एक बार फिर से कुछ ऐसा ढूंढ़ निकाला है, जिससे एक बार फिर से कोरोना वायरस के इलाज की उम्मीद जगी है। नेचर पत्रिका (Nature Magazine) में इसे लेकर एक शोध हाल ही में प्रकाशित किया गया है। कोरोना वायरस से शरीर के प्रभावित होने की स्थिति में इसके संक्रमण से लड़ाई आखिर इंसानी शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता (Immune System) किस प्रकार से कर सकती है, इसकी पहचान किये जाने का दावा इस शोध में ऑस्ट्रेलिया के वैज्ञानिकों की ओर से किया गया है।

वायरस से लड़ने वाली कोशिकाओं की वैज्ञानिकों ने की पहचान

वैज्ञानिकों ने जो शोध किया है, इसमें उन्होंने वैसी कोशिकाओं (Cells) की पहचान की है जो मानव शरीर में कोरोना वायरस से लड़ पाने में सक्षम हैं। साथ ही उन्होंने यह भी पता लगाने का दावा किया है कि आखिर ये कोशिकाएं कोरोना वायरस के संक्रमण (infection) से किस तरह से लड़ने वाली हैं। अब जब इस प्रक्रिया के बारे में पता चल गया है तो संभव है कि इसके आधार पर कोरोना वायरस के इलाज के लिए वैक्सीन (vaccine) विकसित कर लिया जाए।

संभव हो सकता है अब टीका बनाना

इस शोध का नेतृत्व प्रोफेसर कैथरीन केडजिएस्र्का (Katherine Kedzierska) ने किया है। नेचर में प्रकाशित इस शोध में कहा गया है कि कुछ राहत भरी खबरें अब चीन से आनी शुरू हो गई हैं। यहां के मरीजों की हालत में सुधार आने लगा है। शोधकर्ताओं ने अपने इस रिसर्च में यह पता लगाने का प्रयास किया है कि रोग प्रतिरोधक क्षमता जो इंसानों के शरीर में एक सुरक्षा तंत्र के रूप में काम करती है, वह आखिर इस वायरस से किस तरह से लड़ने में सक्षम है। साथ ही यह किन तरीकों से इस जानलेवा बीमारी को मात दे सकता है। शोध करने वाले प्रोफेसर कैथरीन के अनुसार यह जानकारी बहुत ही महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसके आधार पर टीका या दवाई विकसित करने में अब अधिक मदद मिलेगी।

फिर से जगी है एक उम्मीद

कोरोना वायरस के फैलने की शुरुआत चीन (China) के वुहान (Wuhan) शहर से हुई थी और अपने पांव पसारते हुए यह खतरनाक वायरस आज दुनिया भर में फैल चुका है। ऐसे में ऑस्ट्रेलिया के वैज्ञानिकों की ओर से किया गया यह शोध उन लोगों के लिए एक बड़ी उम्मीद लेकर आया है, जो किसी भी तरीके से इस वायरस के खात्मे का इंतजार कर रहे हैं और डर के साये में जीने को मजबूर हैं।

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