साल-दर-साल बढ़ता ही जा रहा इस शिवलिंग का आकार
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Size of Bhuteshwar Nath Shivling is increasing every year

भगवान भोलेनाथ (Lord Bholenath) की महिमा अपरंपार है। देशभर में भगवान भोलेनाथ (Lord Shiva) की पूजा उनके अलग-अलग रूपों में की जाती है। शिवलिंग को भी भगवान भोलेनाथ का ही रूप माना जाता है। देशभर में फैले अनेक शिवालयों में भगवान भोलेनाथ की पूजा लोग शिवलिंग के रूप में ही करते हैं।

आपको यह जानकर हैरानी होगी कि छत्तीसगढ़ में गरियाबंद जिले के मरौदा गांव में एक ऐसा प्राकृतिक शिवलिंग भी है, जिसका आकार लगातार बढ़ता ही जा रहा है। इसे दुनिया का सबसे बड़ा प्राकृतिक शिवलिंग भी मानते हैं। इसे भूतेश्वर नाथ शिवलिंग के नाम से जानते हैं। यह घने जंगलों के बीच में स्थित है। इसकी ऊंचाई करीब 18 फुट की है, जबकि गोलाई लगभग 20 फीट की है। लगातार आकार बढ़ते रहने की वजह से यह दुनिया भर में लोगों की आस्था का एक प्रमुख केंद्र बन गया है।

मनोकामनाएं पूर्ण करने वाला

भूतेश्वर नाथ शिवलिंग के बारे में यह मान्यता फैली हुई है कि यदि कोई व्यक्ति सच्ची श्रद्धा मन में लिए शिवरात्रि के दिन पदयात्रा करके शिवलिंग के पास पहुंचता है और इसके दर्शन करता है तो उसकी सभी मनोकामनाएं अवश्य पूर्ण होती हैं।

प्रचलित कहानी

भूतेश्वर नाथ शिवलिंग के बारे में एक कहानी प्रचलित है। कहानी के मुताबिक पारागांव नामक एक गांव में शोभा सिंह नाम का एक जमींदार रहता था। उसके खेत के पास एक विशाल टीला बना हुआ था, जहां हर दिन शाम के वक्त वह टहलने के लिए जाया करता था। जैसे ही वह किले पर पहुंचता था, वहां उसे शेर और सांड के गरजने की आवाज सुनाई देती थी। पहले तो उसने इसे अनदेखा किया, लेकिन जब ऐसा हर दिन होने लगा तो उसने गांव वालों को इसके बारे में बताना उचित समझा। गांव वालों को जमींदार की बात पर यकीन नहीं हुआ, लेकिन वे भी जब शाम के वक्त जमींदार के साथ उस टीले के पास पहुंचे तो उन्हें भी शेर और सांड के गरजने की आवाज सुनाई दी। सभी गांव वालों ने मिलकर इधर-उधर बहुत ढूंढ़ा, लेकिन न तो उन्हें कहीं शेर मिला और ना ही सांड। गांव वाले इससे अचंभित रह गए। उन्हें यह टीला चमत्कारी लगने लगा। गांव वालों को यह टीला शिवलिंग का आकार लिए हुए देख रहा था। उन्होंने इसे शिवलिंग मान कर इसकी पूजा-अर्चना भी शुरू कर दी। यह शिवलिंग गांव वालों के बीच आस्था का केंद्र इसलिए भी बना रह गया, क्योंकि इसका आकार लगातार बढ़ता ही जा रहा है।

यूं पड़ा नाम भूतेश्वर नाथ शिवलिंग

ऐसा कहा जाता है कि गांव वालों ने शिवलिंग का नाम भूतेश्वर नाथ शिवलिंग इसलिए रखा, क्योंकि उनका मानना था कि यहां भूतों के देवता भगवान शिव निवास करते हैं। इसे भकुरा महादेव के नाम से भी जाना जाता है। हर साल इसकी ऊंचाई 6 से 8 इंच तक बढ़ती जा रही है, जिसकी वजह से यह देश-विदेश में आस्था का प्रमुख केंद्र बन गया है। यही वजह है कि घने जंगलों में स्थित होने के बावजूद साल दर साल यहां भक्तों का जमावड़ा लगातार बढ़ता ही जा रहा है। 


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