
Top 10 benefits of Palaash
शास्त्रों में बताया गया है कि ब्रह्मा जी की पूजा के लिए पलाश ही प्रयोग में लाया जाता है। मैदानी इलाकों में पलाश बहुतायत में पाया जाता है। इसके फूल केसरिया लाल रंग के होते हैं। यहां हम आपको बता रहे हैं कि पलाश आपके शरीर के लिए कितना उपयोगी है।
- रक्त (blood) यदि बह रहा हो तो आपको पलाश के ताजे या सूखे हुए फूलों को पीस लेना चाहिए और पानी के साथ मिलाकर लेप बना लेना चाहिए। इस लेप को कटी हुई जगह पर लगाएंगे तो खून का बहना तुरंत रुक जायेगा।
- दाद (ringworm) में यदि इसके बीजों की चटनी बनाकर इसका लेप लगाएंगे तो दाद भी पूरी तरह से मिट जाता है। इसके लिए आपको पलाश के बीजों को कुछ समय के लिए पानी में भिंगोकर उसी जल में पीसकर काम में लाना होगा।
- नाक (nose), मल-मूत्र (Stool) के मार्ग या फिर योनि से खून आ रहा हो तो पलाश की छाल का काढ़ा 50 मिली मात्रा में बना लेना चाहिए। ठंडा होने पर इसे मिश्री (Sugar candy) मिलाकर पीना चाहिए। इससे खून का बहना बंद हो जाता है।
- बल-वीर्य (Seminal semen) की वृद्धि के लिए पलाश का एक से तीन ग्राम गोंद मिश्री मिले हुए दूध या आंवला (gooseberry) के रस के साथ लेना चाहिए। इससे हड्डियों (bones) को भी मजबूती मिलती है। यदि इस गोंद को आप गर्म पानी में घोलकर पीते हैं तो इससे दस्त (diarrhea) में भी बहुत आराम मिल जाता है।
- कुष्ठ रोग (leprosy) में भी यदि यह प्रारंभिक अवस्था में है तो पलाश की जड़ के चूर्ण का सेवन इससे निजात दिला देता है। इसके लिए पलाश की जड़ को अच्छी तरह से सुखाकर इसका चूर्ण तैयार करके पांच ग्राम पानी के साथ इसे लेना है। इसके जड़ को घिसकर उस जगह पर लगाया भी जा सकता है।
- यदि पलाश के ताजे जड़ का एक बूंद आखों में डाला जाए तो फूली मोतियाबिंद (Cataract), रतौंधी (night blindness), आंख की झांक सहित कई तरह की आंखों की बीमारियां दूर हो जाती हैं।
- मिर्गी का दौरा (epilepsy) आ रहा हो तो 4 से 5 बूंद इसकी जड़ों के रस को नाक में डालना चाहिए। इससे मिर्गी के दौरे आने बंद हो जाते हैं।
- पेट में गैस (acidity) बन रहा हो तो पलाश की छाल और शुंठी का काढ़ा 40 मिली मात्रा में सुबह एवं शाम के वक्त पीने से गैस की समस्या से छुटकारा मिल जाता है और पेट का दर्द भी दूर हो जाता है।
- लिंग (penis) को दृढ़ बनाने में भी यह मददगार होता है। इसके लिए पलाश के बीजों को पीसकर तिल के तेल में गर्म कर लिया जाता है और उस तेल को छानकर इस्तेमाल में लाया जाता है।
- हैजा (cholera) में पलाश का फल 10 ग्राम और 10 ग्राम कलमी शोरा को पानी में डालकर पीसकर लेप तैयार लेना चाहिए। इसे मरीज के पेडू पर लगाना चाहिए। बार-बार इसे यदि लगाया जाए तो इससे हैजा दूर हो जाता है।
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