
Even Pakistan, Sri Lanka and Nepal have done more COVID-19 tests per million than India
कोरोना से लड़ाई के मामले में लॉकडाउन के अलावा पूरी दुनिया ज्यादा से ज्यादा लोगों की जांच को बेहद अहम मानकर चल रही है, लेकिन भारत इस मामले में काफी पीछे है। शायद यह एक महत्वपूर्ण वजह है कि संक्रमण के लगभग 500 मामले सामने आने के बाद ही सम्पूर्ण लॉकडाउन कर देने के बावजूद भारत में कोरोना संक्रमण के मामले 8 मई की सुबह 8 बजे तक 56 हज़ार को पार कर चुके थे।
यह एक ऐसा मोड़ है, जहां चिंता काफी बढ़ गई है। यह सही है कि 135 करोड़ की विशाल आबादी वाले देश में हर आदमी की जांच करना संभव नहीं है। लेकिन सवाल यह भी है कि अगर जांच नहीं होगी, तो पता कैसे चलेगा कि कौन संक्रमित है और कौन नहीं। खासकर तब जबकि अनेक लोग बिना लक्षणों के भी संक्रमित पाए जा रहे हैं। इसलिए अनेक विशेषज्ञ भी इस बात को मान रहे हैं कि भारत को हर रोज़ जांच की संख्या बढ़ानी पड़ेगी, अन्यथा हालात काफी बिगड़ सकते हैं।
मौजूदा स्थिति यह है कि प्रति 10 लाख व्यक्ति जांच के मामले में भारत अपने पड़ोसी देशों पाकिस्तान, नेपाल और श्रीलंका से भी पीछे दिखाई दे रहा है।
वर्ल्डमीटर्स.इनफो के आंकड़े के मुताबिक, 8 मई तक भारत में जहां प्रति 10 लाख व्यक्ति 1042 व्यक्तियों की जांच हुई है, वहीं पाकिस्तान में 1165, श्रीलंका में 1498 और नेपाल में 2302 लोगों की जांच हुई है।
वेबसाइट के मुताबिक, कोरोना ने जिन देशों में सबसे ज्यादा कहर बरपाया है, उनमें से प्रमुख देशों में प्रति 10 लाख व्यक्ति जांच की स्थिति इस प्रकार है-
- बेल्जियम – 42,566
- स्पेन – 41,332
- इटली – 39,385
- जर्मनी – 32,891
- कनाडा – 26,636
- अमेरिका – 25093
- ब्रिटेन – 22,605
- फ्रांस – 21,213
- तुर्की – 15,000
- नीदरलैंड – 14,570
- ईरान – 6,485
वेबसाइट के मुताबिक, कुछ छोटे देशों में प्रति 10 लाख व्यक्ति जांच की स्थिति और भी अच्छी रही है, जिससे पता चलता है कि ये देश अपनी कम आबादी के कारण इस संकट से बेहतर ढंग से निपट पाने में सक्षम हैं।
- यूएई – 121,330
- बहरीन – 97,779
- लिथुआनिया – 60,276
- साइप्रस – 58,649
- इजराइल – 49,963
- डेनमार्क – 49,114
- पुर्तगाल – 47,655
- मॉरीशस – 47,545
- कुवैत – 45,988
- एस्टोनिया – 45,630
- आयरलैंड – 43,493
जाहिर है, भारत में आबादी के हिसाब से जांच की संख्या और रफ्तार अभी भी काफी कम है। इसीलिए, माना जा रहा है कि भारत के लिए असली मुश्किल अभी बाकी है। एम्स के डाइरेक्टर रणदीप गुलेरिया ने तो बेहद साफ शब्दों में कह दिया है कि भारत में संक्रमण का उच्चतम स्तर (पीक) जून-जुलाई में देखने को मिल सकता है। यानी मौजूदा आंकड़े आने वाली एक बड़ी मुसीबत का संकेत भर हैं।
ऐसे में तनमन.ओआरजी की सभी देशवासियों से एक ही अपील है कि अपनी सुरक्षा का ख्याल रखें और अनावश्यक घर से नहीं निकलें। न जाने कौन व्यक्ति संक्रमित हो और आप उससे संक्रमण अपने शरीर और अपने परिवार में ले जा रहे हैं। कोरोना वायरस की संक्रामक शक्ति काफी ज्यादा है, इसलिए जाने-अनजाने किसी एक व्यक्ति का संक्रमित हो जाना अन्य अनेक लोगों को संक्रमित कर सकता है।
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