जिंदगी में चाहिए शांति और सुकून तो आज ही से करना शुरू कर दें भ्रामरी प्राणायाम
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How to do Bhramari Pranayama and health benefits of Bhramari Pranayama

आज पूरी दुनिया में लोगों की जिंदगी तनाव से भरी हुई है। ऐसे में योग और प्राणायाम आपको स्वस्थ रखकर आपके दिमाग को शांति प्रदान करने वाले एवं तनाव से मुक्ति दिलाने वाले साबित हो सकते हैं।

आइए, इस कड़ी में आज हम आपको बता रहे हैं भ्रामरी प्रणायाम के बारे में। यह प्राणायाम आपके मन को शांत करता है। निराशा के भंवर से आपको बाहर निकालता है। आपमें एक नई ऊर्जा का संचार करता है।

भ्रामरी नाम इस प्रणायाम का इसलिए पड़ा है, क्योंकि इसमें आप बिल्कुल भौंरे की तरह ही आवाज या कंपन की ध्वनि निकालते हैं। तो आइए अब जानते हैं भ्रामरी प्रणायाम के बारे में थोड़ा विस्तार से।

कैसे करें भ्रामरी प्रणायाम? (How to do Bhramari Pranayama)

  • किसी स्वच्छ जगह पर दरी या चादर बिछाकर आपको पद्मासन या पालथी मारकर आरामदायक मुद्रा में बैठ जाना है।
  • मन को एकदम शांत कर लें। बिल्कुल सामान्य होकर सांस लेते रहें।
  • अब आपको अपने दोनों हाथों के अंगूठे को इस्तेमाल में लाते हुए अपने दोनों कान बंद कर लेने हैं।
  • अब आपके दोनों हाथों की अंगूठे के बाद जो पहली उंगली है, उसे अपनी भौंह के ठीक ऊपर रख लेना है।
  • बाकी बची तीन उंगलियों को आपको अपनी आंखों पर रख लेना है।
  • सामान्य तरीके से अब आप सांस लें। मुंह आपका बिल्कुल बंद होना चाहिए।
  • अब नाक से ही आप सामान्य गति से सांस छोड़ें, लेकिन भौंरे की तरह आवाज करते हुए।
  • नाक से निकल रही आवाज तेज हो तो लाभ अधिक मिलता है।
  • 5 से 10 मिनट के लिए आप इस प्राणायाम को सुबह और शाम कर सकते हैं।

भ्रामरी प्रणायाम से मिलने वाले लाभ (Benefits of Bhramari Pranayama)

  • स्मरण शक्ति (memory power) इससे बढ़ती है।
  • गुस्सा (anger) दूर होता है।
  • अनिद्रा (lack of sleep or insomnia) की समस्या दूर होती है।
  • चिड़चिड़ापन (irritation) दूर भागता है।
  • किसी भी चीज का भय (fear) दूर होने लगता है।
  • साइनस (Sinus) के मरीजों को आराम मिलता है।
  • माइग्रेन की बीमारी में आराम प्राप्त होता है।
  • मानसिक विकार (mental illness) दूर होते हैं।
  • आवाज मधुर होती जाती है।
  • थाॅयराइड (Thyroid) के मरीज यदि गले से ठुड्डी को सटाकर भ्रामरी प्रणायाम करें तो इससे उन्हें जल्द लाभ मिलने लगते हैं।
  • सोच को भ्रामरी प्रणायाम सकारात्मक (positive) बनाता है।
  • बुद्धि का विकास तेजी होता है।
  • मस्तिष्क की नसों को यह आराम पहुंचाता है।
  • खून संबंधी (blood disorder) विकार दूर होते हैं।
  • कुंडलिनी शक्ति इससे जागृत होती है।
  • रक्तचाप (blood pressure) की बीमारी से पीड़ित लोगों को आराम मिलता है।
  • तनाव दूर होता है और मन शांत रहता है।
  • आत्मविश्वास (self confidence) बढ़ता है।
  • सिरदर्द (headache) में आराम मिलता है।
  • गर्मी का अनुभव अधिक हो रहा तो भ्रामरी प्रणायाम करने से राहत मिलती है।
  • हाइपरटेंशन (hypertension) के मरीजों को आराम मिलता है।

भ्रामरी प्रणायाम के दौरान रखें इन बातों का ध्यान (Precautions to be taken while Bhramari Pranayama)

  • सुबह के वक्त खाली पेट (empty stomach) में करना यह उत्तम होता है।
  • शाम के वक्त करते समय ध्यान रखें कि इससे दो-तीन घंटे पहले ही आपने भोजन किया हो।
  • इसके करते वक्त ज्यादा जोर से अपने नाक, कान या फिर आंखों को न दबाएं।
  • कान में यदि संक्रमण (ear infection) है या फिर दर्द (ear pain) की शिकायत है तो इस प्रणायाम को मत करें।
  • भ्रामरी प्रणायाम करने से यदि सिरदर्द, खांसी या चक्कर आने की शिकायत होती है तो इसे न करें।
  • गर्भवती महिलाएं इसे करें तो शिशु के जन्म की प्रक्रिया आसान बन जाती है, फिर भी इसे करने से पहले डॉक्टर की सलाह लेना उचित होगा।

हर उम्र के लोग कर सकते हैं भ्रामरी प्राणायाम

भ्रामरी प्रणायाम (Bhramari Pranayama) करने से आपको अपने जीवन में शांति का अनुभव होगा। बच्चे से लेकर वृद्ध व्यक्ति तक इसे कर सकते हैं। इसे आप खुद भी करें और दूसरों को भी इसे करने के लिए प्रेरित करें।

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