पढ़ें, आपके बच्चों के लिए कितना खतरनाक है रैबडोमायोसरकोमा कैंसर?
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Read, how dangerous is Rhabdomyosarcoma Cancer for your children?

कैंसर कितनी जानलेवा बीमारी है, इससे हर कोई वाकिफ है। दुनियाभर में यह तेजी से पांव भी पसार रहा है। अब तक 100 से भी ज्यादा प्रकार के कैंसर की पहचान हो चुकी है। यहां हम आपको कैंसर के एक बड़े ही घातक प्रकार रैबडोमायोसरकोमा कैंसर (Rhabdomyosarcoma Cancer) के बारे में बता रहे हैं, जो कि आपके बच्चों के लिए बहुत ही खतरनाक साबित हो सकता है।

ये है रैबडोमायोसरकोमा कैंसर (Rhabdomyosarcoma Cancer)

  1. मांसपेशियों में ट्यूमर हो जाता है।
  2. गांठ या सूजन के रूप में यह बढ़ता जाता है।
  3. 19 साल से कम उम्र के बच्चों में यह अधिक होता है।
  4. मांसपेशियों से शुरू होकर यह हड्डियों तक पहुंच जाता है।

इन कारणों से हो सकता है रैबडोमायोसरकोमा कैंसर (Rhabdomyosarcoma Cancer)

  1. कोशिकाओं के डीएनए में किसी प्रकार के परिवर्तन की वजह से।
  2. ये किस तरह के परिवर्तन हैं, इसके बारे में और जानकारी प्राप्त करने बृहद पैमाने पर अध्ययन चल रहा है।

रैबडोमायोसरकोमा कैंसर (Rhabdomyosarcoma Cancer) के लक्षण

  1. यह या तो बच्चे की गर्दन पर हो जाता है या फिर सिर पर।
  2. सिर में दर्द की शिकायत रहती है।
  3. आंखें थोड़ी बाहर आ जाती हैं।
  4. नाक व कान से कभी-कभी खून भी आने लगते हैं।
  5. आंखें थोड़ी फूल जाती हैं।
  6. गले से खून निकलता है।
  7. कई बार मल त्याग के वक्त भी खून आता है।
  8. कैंसर वाली जगह पर गांठ पड़ जाते हैं।
  9. जिस जगह पर यह कैंसर हुआ है, वहां ऐसा दर्द होता है जैसे कि चोट लगी हो।

इतनी तरह के होते हैं रैबडोमायोसरकोमा कैंसर (Rhabdomyosarcoma Cancer)

  1. भ्रूण रैबडोमायोसरकोमा कैंसर चार साल तक के बच्चों को शिकार बनाता है, जिसमें यह मलाशय, सिर या फिर गर्दन को अधिक प्रभावित करता है।
  2. अल्वेलर रैबडोमायोसरकोमा कैंसर 19 साल तक के बच्चों, किशोरों और तरुणों में छाती, हाथ, जननांग और पैरों में होता है।
  3. बच्चों से ज्यादा व्यस्क जनों को प्रभावित करने वाला रैबडोमायोसरकोमा कैंसर एनाप्लास्टिक है। यह बहुत कम ही होता है।

रैबडोमायोसरकोमा कैंसर (Rhabdomyosarcoma Cancer) का इलाज

  1. ट्यूमर किस जगह पर है और इसका आकार क्या है, इसके आधार पर सर्जरी इसका पहला इलाज है।
  2. कैंसर कोशिकाओं को रेडिएशन थेरेपी (Radiation Therapy) के जरिये सिकुड़ कर छोटा करके सर्जरी के जरिये कोशिकाओं को खत्म किया जाता है।
  3. सबसे ज्यादा इसके इलाज के लिए कीमोथेरेपी (Chemotherapy) का प्रयोग होता है, जिससे भी ट्यूमर का आकार घटाने में मदद मिलती है।

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